राजस्थान : कांग्रेस की चेतावनी को दरकिनार कर पायलट ने किया एक दिवसीय ‘अनशन

भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा : पायलट

जयपुर. राजस्­थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को यहां एक दिवसीय ‘अनशन’ किया.

साथ ही पायलट ने अपने इस कदम को एक तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी के आंदोलन से जोड़ते हुए कहा कि इससे देश भर में आंदोलन को गति मिलेगी. पायलट ने यहां शहीद स्मारक पर पूर्वाह्न 11 बजे से शाम चार बजे तक पांच घंटे के मौन अनशन किया. इसके बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. उन्­होंने उम्­मीद जताई कि पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई होगी.

पायलट ने कहा,‘‘ राजस्­थान की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में जो तमाम भ्रष्टाचार हुए उसके विरोध में मैंने आज एक दिन का अनशन रखा. इस मुद्दे को मैं बहुत लंबे समय से उठा रहा था. यह वही मुद्दा है जिसको लेकर राहुल गांधी ने संसद के अंदर, संसद के बाहर अपनी आवाज उठाई, कांग्रेस व विपक्षी दलों ने संयुक्­त संसदीय समिति की मांग रखी. क्योंकि भाजपा शासन में जो व्­यापक भ्रष्­टाचार हुआ और जो हो रहा है, उसके विरोध में हम अपनी आवाज उठाना चाहते हैं.’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में जब हम कांग्रेस वाले विपक्ष में थे तो हमने सरकार के भ्रष्­टाचार के कई मामलों को प्रमाण सहित उजागर किया था और हमने (उस समय) जनता से यह वादा किया था कि जब सरकार में हम आएंगे तब वसुंधरा जी व भाजपा के शासन में जो तमाम गड़बड़ घोटाले हुए उन पर कार्रवाई होगी.

पायलट ने कहा,‘‘ मैं चाहता था क­ िइस मामले में कार्रवाई हो लेकिन पत्र लिखने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई. मैंने कई पत्र लिखे मुख्­यमंत्री जी को. हमें सरकार में आए चार से अधिक का समय बीत गया, मैं उम्­मीद करता था कि कार्रवाई होगी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.इसलिए आज मैंने उस सरकार के भ्रष्­टाचार के जो मामले थे उस पर कार्रवाई हो इसको लेकर अनशन किया.’’

पायलट ने कहा,‘‘ मैं उम्­मीद करता हूं क­ िकार्रवाई होगी.’’ पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखंिजदर ंिसह रंधावा की चेतावनी पर पायलट ने कहा,‘‘भ्रष्­टाचार के मुद्दे को लेकर मैंने अपनी बात रखी थी. अगर कोई बात संगठन की होती तो निश्चित रूप से मैं बात संगठन के मंच पर करता लेकिन सरकार से संबंधित मामला था और मैंने एक साल पहले से ही आग्रह कर रहा था.’’

उन्­होंने कहा,‘‘ मैं समझता हूं कि भ्रष्­टाचार को लेकर हमारी ‘शून्य बर्दाश्त’ की नीति है और हमें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. भ्रष्­टाचार के खिलाफ पूरा देश है तमाम विपक्ष व कांग्रेस पार्टिंया व हम सब लोग म­लिकर इसके खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे.’’ पायलट ने कहा,‘‘ हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा, हम चाहते हैं देश प्रदेश में स्­वच्­छ राजनीति हो.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आज मैंने जो अनशन किया है, वह देश में हमारे आंदोलन को गति देगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.’’ इस अनशन के साथ ही पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ फ­रि मोर्चा खोल दिया है. दिसंबर 2018 में राज्­य में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से ही इन दोनों नेताओं में खींचतान जारी है. कांग्रेस के सत्ता में आने के समय पायलट राजस्­थान कांग्रेस के अध्­यक्ष थे.

कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखंिजदर ंिसह रंधावा द्वारा दी गई चेतावनी से व­चिलि­त हुए बिना पायलट मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे यहां शहीद स्­मारक पर धरने पर बैठे. धरना स्­थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद रहे, हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा या मौजूदा विधायक वहां नजर नहीं आया. पायलट ने मौजूदा विधायकों से इस कार्यक्रम में नहीं आने को कहा था.

उल्­लेखनीय है कि पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में राज्­य की मौजूदा अशोक गहलोत नीत सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर एक दिवसीय अनशन करने की घोषणा की थी. वहीं, कांग्रेस ने पायलट के इस कदम को ‘पार्टी विरोधी’ करार दिया है. पार्टी ने रंधावा का एक बयान सोमवार देर रात जारी किया जिसके अनुसार, ‘‘पायलट का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है.’’

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