PFI सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की प्रति के लिए दायर याचिका पर NIA से जवाब तलब

नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया’ (पीएफआई) के कथित सदस्यों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले से जुड़ी प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है.

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने मोहम्मद यूसुफ द्वारा दायर याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया. यूसुफ को यूएपीए के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को चेन्नई में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से पेश वकील ने अदालत को अवगत कराया कि इस मामले में जिस अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) को बहस के लिए पेश होना था वह बीमार हैं. इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की.

पेशे से वकील होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता युसूफ ने एनआईए को 13 अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति प्रदान करने और इस मामले में प्रत्येक आरोपी की गिरफ्तारी के आधार की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग की. उन्होंने निचली अदालत के समक्ष एनआईए की ओर से दायर रिमांड अर्जियों की एक प्रति भी मांगी.

याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें 22 सितंबर को चेन्नई में उनके आवास से सुबह करीब 3 बजे गिरफ्तार किया गया था. उनके अलावा अन्य लोगों को भी उसी दिन देश के विभिन्न हिस्सों से उठाया गया था और एजेंसी द्वारा दिल्ली लाया गया था. याचिका में कहा गया है, ‘‘उनकी गिरफ्तारी के समय, प्रतिवादी (एनआईए) ने याचिकाकर्ता को न तो उस अपराध का कोई विवरण दिया, न कोई आधार बताया, जिसके लिए उसे गिरफ्तार किया गया था, यह संविधान के अनुच्छेद 22(1) के साथ पठित दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 50 के तहत प्रदत्त वैधानिक आदेश का उल्लंघन है.’’

याचिकाकर्ता ने कहा कि जब आरोपियों को यहां एक निचली अदालत में पेश किया गया, तो उनके वकील ने 22 सितंबर और 26 सितंबर को प्राथमिकी की एक प्रति मांगी. याचिका के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) ने याचिकाकर्ता द्वारा दायर अर्जी इस आधार पर खारिज कर दी कि मामला संवेदनशील है और प्राथमिकी की एक प्रति प्रदान करने से जांच में बाधा उत्पन्न होगी.’’ गौरतलब है कि अब तक एनआईए के नेतृत्व में व्यापक बहु-एजेंसी अभियान के तहत देश के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के 19 कैडर गिरफ्तार किये गये हैं, जिनमें से 16 न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि शेष तीन 10 अक्टूबर तक एनआईए की हिरासत में हैं.

एनआईए के नेतृत्व में एक बहु-एजेंसी अभियान के दौरान देशभर में आतंकवादी गतिविधियों का कथित रूप से समर्थन करने के लिए 11 राज्यों में पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारियां केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, दिल्ली और राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में की गईं.

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