शिवसेना विधायकों की बगावत, ‘मानवता के साथ विश्वासघात’ : आदित्य ठाकरे

मुंबई. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित पार्टी के बागी विधायकों को आड़े हाथ लिया और उनकी बगावत को ‘‘मानवता के खिलाफ विश्वासघात’’करार दिया. आदित्य ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क करने के लिए तीन दिवसीय ‘‘शिव संवाद यात्रा’’ शुरू की है. इसी कड़ी में उन्होंने यात्रा के दूसरे दिन नासिक के मनमाड में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘यह शिवसेना और उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात नहीं है बल्कि मानवता के खिलाफ विश्वासघात है.’’ मुंबई की वर्ली सीट से विधायक आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया, ‘‘ इन लोगों की महाराष्ट्र में बगावत करने की हिम्मत नहीं थी. इसलिए वे सूरत, गुवाहाटी और गोवा गए. असम बाढ़ से ग्रस्त था, लेकिन बागी विधायक स्वयं मौज-मस्ती कर रहे थे.’’ उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पिता उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री रहते पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं कर पाते थे.

आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘ लेकिन उद्धवजी ने कभी मुख्यमंत्री के तौर पर अपने काम को बंद नहीं किया. वह हमेशा काम करते रहे और यह कभी नहीं सोचा कि विधायकों और सांसदों को अगर कुछ नहीं दिया गया, तो वे उन्हें छोड़ देंगे. यह हमारी गलती थी कि हम राजनीति में संलिप्त नहीं हुए.’’ उन्होंने कहा कि बागी अब अपनी ताकत दिखा रहे हैं, लेकिन पिछले ढाई साल से वे सरकार में रहने के बावजूद शांत थे. उन्होंने दावा किया कि जब उद्धव की सर्जरी हो रही थी तब वे बगावत की योजना बना रहे थे.

आदित्य ठाकरे ने कहा कि नयी सरकार में ‘गद्दार’ शामिल हैं. उन्होंने शिंदे नीत सरकार को ‘‘ गैरकानूनी’’करार दिया. आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘ हम गद्दारों के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, लेकिन निश्चित तौर पर नासिक के लोगों को बताएंगे कि महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने जिले के विकास के लिए क्या किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जो जाना चाहते थे, वे चले गए हैं. लेकिन भगवा ध्वज यहां फहराता रहेगा.’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना ने कभी अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने की कोशिश नहीं की, लेकिन उसके अपने लोगों ने उनके साथ ऐसा करने की कोशिश की.

इस बीच, बागी विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा, ‘‘अगर आदित्य ने ऐसी बैठकें पहले की होंती, तो पार्टी को बगावत का सामना नहीं करना पड़ता. उद्धवजी अस्वस्थ हैं, लेकिन आप युवा और 30 साल के हैं. आज, उद्धव जी बिना मास्क यात्रा कर रहे हैं और पार्टी की शाखाओं का दौरा कर रहे हैं. हमने पार्टी के खोए हुए गौरव को पुन: स्थापित करने के लिए बगावत की है.’’

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