यूक्रेन में 100 दिनों के युद्ध के बाद भी अपनी मौजूदगी बनाए रख सकता है रूस

कीव. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फरवरी के अंत में जब यूक्रेन में सैनिक भेजे थे तब उन्होंने संकल्प लिया था कि रूसी सेना पड़ोसी देश पर कब्जा नहीं करेगी. लेकिन सैन्य अभियान 100 वें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा और रूस द्वारा युद्ध में कब्जा किये गये क्षेत्र को छोड़ने की संभावना नजर नहीं आ रही है.

रूसी मुद्रा रूबल, यूक्रेनी मुद्रा रिव्निया की जगह लेने वाली है. रूबल अब दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र में आधिकारिक मुद्रा हो गई है. वहां और रूस के नियंत्रण वाले जपोरिजिया क्षेत्र के निवासियों को रूसी पासपोर्ट की पेशकश की जा रही है. रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने दोनों क्षेत्रों में प्रशासन स्थापित किये हैं, जिसके साथ इनके रूस का हिस्सा बनाने की योजना के बारे में बातें की जा रही है. यूक्रेन के डोनबास इलाके में अलगावादी क्षेत्रों के मास्को सर्मिथत नेताओं, जिनमें अधिकतर रूसी भाषी हैं, ने समान इरादे साझा किये हैं. यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में लड़ाई तेज हो गई है क्योंकि रूस डोनबास के पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में करना चाहता है.

क्रेमलिन ने उन शहरों, कस्बों और गांवों के बारे में अपनी योजना पर बहुत हद तक चुप्पी साध रखी है जिन पर उसने बमबारी की है और मिसाइलें दागी हैं. साथ ही, आखिरकार उन पर कब्जा कर लिया. ‘कार्नेजी इन्डोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ में सीनियर फेलो एंद्रेई कोलेसनीकोव ने कहा, ‘‘बेशक, रूस टिके रहना चाहता है. कब्जा किये गये क्षेत्र को रूस नहीं छोड़ना चाहेगा, भले ही वह उसकी योजना का हिस्सा नहीं रहा हो. ’’ खेरसोन और जपोरिजिया में इस महीने रूसी रूबल को दूसरी आधिकारिक मुद्रा के तौर पर पेश किया गया. रूस सर्मिथत प्रशासकों ने स्थानीय निवासियों को 10,000 रूबल (लगभग 163 डॉलर) सामाजिक सुरक्षा भुगतान करना शुरू कर दिया है.

क्रेमलिन की सत्तारूढ़ यूनाइटेड रशिया पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी एंद्रेई तुरचक ने खेरसॉन के निवासियों के साथ एक बैठक में कहा, ‘‘रूस यहां हमेशा के लिए है.’’ मेलीतोपोल में रूसी आव्रजन सेवाओं के लिए खोला गया एक कार्यालय रूसी नागरिकता के लिए त्वरित प्रक्रिया से आवेदन जमा कर रहा है.

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