संभाजीनगर हिंसा : एक व्यक्ति की मौत, सात गिरफ्तार, शहर में एसडीआरएफ तैनात

औरंगाबाद का नाम बदलकर अब छत्रपति संभाजीनगर कर दिया गया है.

औरंगाबाद. महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में एक राम मंदिर के समीप झड़प के बाद पुलिस पर भीड़ के हमले में घायल हुए 51 वर्षीय व्यक्ति की एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि मृतक की पहचान शेख मुनिरुद्दीन के रूप में की गयी है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घायल व्यक्ति की बृहस्पतिवार रात को शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. बहरहाल, पुलिस ने मौत की वजह नहीं बतायी है.

इस बीच, शहर में सामान्य स्थिति बहाल कर ली गयी है और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की पांच कंपनियों को तैनात किया गया है. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘शहर में विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए एसआरपीएफ की पांच टुकड़ियों और करीब 600 पुलिसर्किमयों को तैनात किया है.’’

औरंगाबाद के किराडपुरा इलाके में राम मंदिर के समीप दो समूहों के बीच झड़प के बाद जब पुलिसर्किमयों ने स्थिति को काबू करने की कोशिश की तो करीब 500 लोगों की भीड़ ने उन पर पथराव किया और पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकी. इस घटना में 10 पुलिसर्किमयों समेत कम से कम 12 लोग घायल हो गए.
यह घटना बुधवार और बृहस्पतिवार की मध्यरात्रि को हुई जिसमें बदमाशों ने 13 वाहनों को फूंक दिया. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और गोलियां भी चलायीं.

इस घटना के संबंध में ंिजसी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. ंिजसी थाने के एक अधिकारी ने कहा कि दंगा करने के आरोप में बरकत शेख (23), शेख अतीक (24), सद्दाम शाह (33), शेख खाजा (25), शारिक खान (23), सैयद नूर (27) सभी स्थानीय निवासी और शेख सलीम (25) निवासी बुलढाणा जिले को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और नागरिकों को औरंगाबाद में शांति कायम करने की दिशा में काम करना चाहिए. औरंगाबाद का नाम बदलकर अब छत्रपति संभाजीनगर कर दिया गया है.

पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संभाजीनगर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है. शांतिपूर्ण माहौल कायम रहे, इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है. हालांकि मैं विपक्ष का नेता हूं, लेकिन मैं ऐसा कोई बयान नहीं दूंगा, जिससे माहौल खराब हो.’’ औरंगाबाद में दो अप्रैल को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की संयुक्त रैली के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि रैली की योजना बहुत पहले बनाई गई थी और एमवीए घटक – राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के नेता इसके लिए काम कर रहे हैं.

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को दावा किया कि रामनवमी पर महाराष्ट्र एवं अन्य स्थानों पर हुई सांप्रदायिक झड़पें ‘‘सरकार द्वारा प्रायोजित’’ थीं. राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये सरकार-प्रायोजित दंगे हैं. महाराष्ट्र और गुजरात में भाजपा की सरकारें हैं और वहां (दोनों राज्यों में) दंगे हुए. जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तो उनके कार्यकाल में रामनवमी शांतिपूर्वक मनायी गई और कोई दंगा नहीं हुआ.’’

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