धन शोधन मामले में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आये संजय राउत

राउत की जमानत पर तत्काल रोक से अदालत का इनकार, ईडी की अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई

मुंबई. धन शोधन मामले में विशेष अदालत से जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत बुधवार शाम मुंबई की आर्थर रोड जेल से बाहर आए. शाम करीब पांच बजे राउत के वकीलों ने जमानत आदेश आर्थर जेल रोड पहुंचाया और करीब छह बजकर 50 मिनट पर राउत जेल से बाहर निकले. वह करीब तीन महीने से जेल में थे.

ईडी ने राज्यसभा सांसद संजय राउत को एक अगस्त को उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुर्निवकास के संबंध में वित्तीय अनियमितताओं में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था. वहीं, जमानत मिलने के बाद राउत के जेल से बाहर आने की जानकारी पर उनके समर्थक आर्थर रोड जेल के बाहर जमा होना शुरू हो गए. राउत के जेल से बाहर आते ही समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया और उनके समर्थन में नारे लगाए. इस दौरान समर्थकों ने जेल के करीब पटाखे भी चलाए.

बम्बई उच्च न्यायालय ने कथित धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को एक विशेष अदालत से मिली जमानत पर तत्काल रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि वह इस तरह का आदेश दोनों पक्षों को सुने बिना नहीं पारित कर सकती. इसके साथ ही इसने मामले की सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार का दिन तय किया. एक विशेष अदालत ने राउत और सह-आरोपी प्रवीण राउत की जमानत दिन में मंजूर कर ली थी और शुक्रवार तक इस जमानत आदेश पर रोक का प्रवर्तन निदेशालय का अनुरोध ठुकरा दिया था.

राउत की जमानत पर तत्काल रोक से अदालत का इनकार, ईडी की अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई

बम्बई उच्च न्यायालय ने कथित धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को एक विशेष अदालत से मिली जमानत पर तत्काल रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि वह इस तरह का आदेश दोनों पक्षों को सुने बिना नहीं पारित कर सकती. इसके साथ ही इसने मामले की सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार की तारीख मुकर्रर की.

एक विशेष अदालत ने राउत और सह-आरोपी प्रवीण राउत की जमानत दिन में मंजूर कर ली थी और शुक्रवार तक इस जमानत आदेश पर रोक का प्रवर्तन निदेशालय का अनुरोध ठुकरा दिया था. इसके बाद ईडी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर जमानत आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया. न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने, हालांकि ईडी को कोई राहत देने से इनकार कर दिया कि जब जमानत मंजूर की जा चुकी है तो वह दोनों पक्षों को सुने बिना ऐसी रोक नहीं लगा सकती.

उन्होंने कहा, ”मैंने आदेश को देखा तक नहीं है. मुझे नहीं पता कि किस आधार पर जमानत दी गई है. मुझे नहीं पता कि आपने (ईडी) ने किस आधार पर आदेश को चुनौती दी है….भले ही मुझे अभी प्रथम दृष्टया आदेश ही देना पड़े, लेकिन मैं संबद्ध पक्षों को सुने बिना रोक कैसे लगा सकती हूं.” अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी.

न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा, ”अगर सुनवाई के बाद मैं जमानत रद्द करने का आदेश देती हूं तो आरोपी व्यक्तियों को वापस हिरासत में लिया जा सकता है.” उच्च न्यायालय ने यह भी पूछा कि किस कानूनी प्रावधान के तहत उसे जमानत के आदेश पर रोक लगाने का अधिकार है.

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल ंिसह ने जमानत आदेश पर बृहस्पतिवार तक रोक लगाने की मांग की. इस पर अदालत ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अर्जी पर सुनवाई एक दिन में पूरी हो ही जाएगी. न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा, ”निचली अदालत ने जमानत याचिकाओं को सुनने और आदेश पारित करने में एक महीने का समय लिया… आप मुझसे अभी ही फैसला करने की उम्मीद करते हैं? मैं नहीं चाहती कि आपके (ईडी) या उनके (संजय राउत और प्रवीण राउत) के साथ कोई अन्याय हो. जब आप जमानत रद्द करने के बारे में विचार करते हैं तो अदालत की शक्तियां सीमित हैं.” उन्होंने ने यह भी कहा कि ईडी का आवेदन दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 439 (2) (जमानत रद्द करना) के तहत दायर किया गया था, न कि धारा 482 (आदेश को रद्द करना) के तहत.

अदालत ने कहा, ”धारा 482 के तहत उच्च न्यायालय के पास केवल जमानत आदेशों पर पड़ने वाले प्रभावों को निलंबित करने की अंर्तिनहित शक्तियां हैं.” प्रवीण राउत की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आबाद पोंडा ने ईडी की अर्जी का विरोध किया. उन्होंने कहा कि आरोपी रिहा होने के बाद भाग नहीं रहे हैं. पोंडा ने कहा, ”आरोपियों में से एक (संजय राउत) सांसद हैं. आरोपियों की जड़ें समाज में हैं. निचली अदालत ने जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई हैं. कोई भी भागने वाला नहीं है.”

उद्धव ठाकरे ने संजय राउत के परिवार से बात कर उन्हें ‘योद्धा’ करार दिया

मुंबई की एक अदालत द्वारा शिवसेना नेता संजय राउत को जमानत मिलने के बाद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को राउत के परिवार से फोन पर बात की और उन्हें (राउत) ‘‘एक ऐसा योद्धा करार दिया, जो कभी दबाव के आगे नहीं झुका.’’ ठाकरे के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि पार्टी प्रमुख ने राउत की मां और पत्नी से फोन पर बात की और कहा कि वह राउत से जल्द मिलेंगे.

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