शिंदे खेमा का ‘तीर धनुष’ चुनाव चिह्न पर दावा, आयोग ने ठाकरे नीत गुट से जवाब मांगा

नयी दिल्ली. निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत खेमे को राज्य में आगामी विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर पार्टी के ‘तीर धनुष’ चिह्न पर प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा किए गए दावे पर शनिवार तक जवाब देने को कहा है. ठाकरे खेमे को आयोग का निर्देश शुक्रवार को आया, जब शिंदे खेमा ने एक ज्ञापन सौंपकर मांग की कि ‘तीर धनुष’ चुनाव चिह्न उसे आवंटित कर दिया जाए क्योंकि अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव नजदीक है.

आयोग ने ठाकरे को लिखे एक पत्र में शिवसेना को निर्देश दिया कि वह आवश्यक दस्तावेजों के साथ आठ अक्टूबर को अपराह्न दो बजे तक जवाब दे. आयोग ने कहा, ‘‘यदि कोई जवाब नहीं मिलता है, तो आयोग मामले में तदनुसार उचित कार्रवाई करेगा.’’ आयोग ने ठाकरे को बताया कि शिंदे खेमे ने 4 अक्टूबर को ‘तीर धनुष’ के लिए दावा पेश किया था. अंधेरी पूर्व उपचुनाव शुक्रवार को अधिसूचित किया गया.

ठाकरे खेमे से ताल्लुक रखने वाले शिवसेना नेता अनिल देसाई ने कहा कि पार्टी निर्धारित समय के भीतर आयोग को जवाब देगी. देसाई ने शुक्रवार को आयोग के अधिकारियों से एक अलग मामले के संबंध में मुलाकात की और उस मामले में दस्तावेज जमा किये जिसमें शिंदे खेमे ने लोकसभा और राज्य विधानसभा के अधिकतर पार्टी सदस्यों के समर्थन का हवाला देते हुए खुद को ‘‘असली शिवसेना’’ होने का दावा किया है.

शिंदे खेमा द्वारा ‘तीर धनुष’ चुनाव चिह्न पर नये दावे को ठाकरे खेमा को इसके उपयोग से वंचित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. ठाकरे खेमा ने 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए विधायक रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके को मैदान में उतारने का फैसला किया है.

शिंदे खेमे की सहयोगी भाजपा ने रमेश लटके के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका पार्षद मुरजी पटेल को मैदान में उतारने का फैसला किया है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शिवसेना के ठाकरे खेमे और महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) में उनके गठबंधन सहयोगी के उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है.

शिंदे ने कांग्रेस और राकांपा के साथ ‘‘अस्वभाविक गठबंधन’’ करने के लिए ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद किया था. शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों ने शिंदे का समर्थन किया था, जिससे ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 भी शिंदे के समर्थन में सामने आ गए थे, जिन्होंने बाद में मूल शिवसेना के नेता होने का दावा किया.

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