शिवसेना के शिंदे खेमे को चुनाव चिह्न के रूप में ‘दो तलवार और एक ढाल’ मिला

नयी दिल्ली. निर्वाचन आयोग (ईसी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े को मंगलवार को चुनाव चिह्न के रूप में ‘दो तलवार और एक ढाल’ का निशान आवंटित किया. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को अब ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम दिया गया है. यह धड़ा अगर अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट के लिए तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में उतरने का फैसला करता है तो वह ‘दो तलवार और एक ढाल’ चुनाव चिह्न का उपयोग कर सकेगा.

शिंदे ने चुनाव चिह्न के आवंटन का स्वागत करते हुए कहा कि उनका समूह शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा निर्धारित कट्टर ंिहदुत्व विचारधारा के लिए सच्चा पथप्रदर्शक है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम निर्दोषों की रक्षा करने वाली ढाल और दुष्टों का नाश करने वाली तलवार बनेंगे.’’ निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे को लिखे पत्र में यह जानकारी दी. आयोग ने कहा कि उसने ‘दो तलवारें और एक ढाल’ को एक स्वतंत्र चुनाव चिह्न घोषित करने का फैसला किया है और मौजूदा उपचुनाव में शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को यह आवंटित किया है.

शिंदे गुट ने चुनाव चिह्न के लिए ‘पीपल का पेड़’, ‘तलवार और ढाल’ तथा ‘सूर्य’ को विकल्प बताया था. आयोग ने शिंदे-समूह द्वारा दिए गए तीनों सुझावों को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वे स्वतंत्र चुनाव चिह्नों की सूची में नहीं हैं. हालांकि, आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘दो तलवारें और एक ढाल’ चुनाव चिह्न आवंटित किया, यह देखते हुए कि यह शिंदे समूह द्वारा मांगी गई ‘ढाल-तलवार’ (ढाल और तलवार) से मिलता जुलता है.

निर्वाचन आयोग ने कहा कि ‘दो तलवारें और ढाल’ का चिह्न पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट को आवंटित किया गया था, जिसे 2004 में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी और बाद में 2016 में उसे सूची से बाहर कर दिया गया था. चुनाव चिह्न ‘सूर्य’ के दावे को खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि शिंदे गुट की पसंद क्रमश: जोरम नेशनल पार्टी और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के चुनाव चिन्ह ‘सूर्य (बिना किरणों)’ और ‘उगते सूरज’ से मिलती जुलती है.

इसने यह भी कहा कि शिंदे गुट की पसंद भी ‘सेब’, ‘फूलगोभी’ और ‘फुटबॉल’ के मुक्त प्रतीकों से मिलती जुलती थी. निर्वाचन आयोग ने शनिवार को शिवसेना के दोनों खेमों को तीन नवंबर को अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया. आयोग ने उनसे सोमवार दोपहर तक तीन अलग-अलग नाम और इतनी ही संख्या में चिह्न बताने को कहा था.

शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच विवाद को लेकर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को एक आदेश जारी कर उद्धव ठाकरे नीत गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में ‘शिवसेना – उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम आवंटित किया. जबकि एकनाथ शिंदे के गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ (बालासाहेब की शिवसेना) नाम आवंटित किया है. निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न आवंटित किया है.

आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए चुनाव चिह्न के रूप में ‘त्रिशूल’ की मांग करने के उद्धव गुट के दावे को खारिज कर दिया है.
शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करते हुए दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 55 में 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 का समर्थन प्राप्त है. उद्धव के इस्तीफे के बाद शिंदे ने भाजपा की मदद से सरकार बनाने हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

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