उत्तराखंड में हिमस्खलन के बाद दस शव दिखे, चार बरामद: ‘निम’ के प्राचार्य

उत्तरकाशी. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में माउंट द्रौपदी का डांडा-2 शिखर पर मंगलवार को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) की 41 सदस्यीय टीम के हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद वहां दस शव देखे गए हैं. यह बात नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य ने कही. हालांकि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चार व्यक्तियों की मौत होने की पुष्टि की है.

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के पांच र्किमयों और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के तीन प्रशिक्षकों की एक टीम को खोज और बचाव अभियान संचालित करने के लिए संस्थान के डोकरानी बमक ग्लेशियर आधार शिविर में उतारा गया.

उत्तर प्रदेश के सरसावा स्थित भारतीय वायुसेना के आधार शिविर के दो हेलीकॉप्टरों ने भी हिमस्खलन स्थल का निरीक्षण किया और उसके बाद र्हिषल हेलीपैड पर लौट गए. संस्थान के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि हिमस्खलन सुबह करीब पौने नौ बजे लगभग 17,000 फुट पर हुआ, जब उत्तरकाशी स्थित ‘निम’ के 34 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों और सात प्रशिक्षकों का एक दल शिखर से वापस लौट रहा था.

कर्नल बिष्ट ने कहा कि हिमस्खलन के बाद टीम के सदस्य दरारों में फंस गए. उन्होंने कहा कि दस शव देखे गए हैं, जिनमें से चार बरामद कर लिये गए हैं. उन्होंने कहा कि अंधेरे और खराब मौसम के कारण रात में बचाव कार्य रोक दिया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय का दौरा किया. उन्होंने बुधवार के अपने सभी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं.

बरेली में वायुसेना स्टेशन से सेना का एक एएलएच हेलीकॉप्टर भी बुधवार को सुबह खोज और बचाव अभियान में शामिल होने के लिए मतली में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के हेलीपैड पर इंतजार कर रहा है. कर्नल बिष्ट ने कहा कि ‘निम’ में एक उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के तहत, पर्वतारोहण प्रशिक्षुओं का दल अपने प्रशिक्षकों के साथ अधिक ऊंचाई वाली चोटी पर गया था. उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने पहले दिन में कहा था कि फंसे हुए लोगों में से आठ को बचा लिया गया है.

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