उरी में घुसपैठ की कोशिश करने में आतंकवादी कमांडर ढेर
श्रीनगर. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के आकाओं और आंतकवाद की आधारभूत संरचनाओं को बड़ा नुकसान पहुंचाते हुए सुरक्षा बलों ने उरी सेक्टर में घुसपैठ रोधी अभियान में आतंकवादी कमांडर बशीर अहमद मलिक को मार गिराया. सेना ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
नियंत्रण रेखा के समीप सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा चलाए गए एक संयुक्त अभियान ‘ऑपरेशन काली’ में बुधवार को मलिक और एक अन्य आतंकवादी को मार गिराया गया. सेना के एक अधिकारी ने कहा, ”इस अभियान में दो आतंकियों को मार गिराया गया, लेकिन मुख्य पहलू बशीर अहमद मलिक को मार गिराना था. पाकिस्तानी सीमा से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में उसका बड़ा हाथ था. वह उत्तर में लीपा से लेकर दक्षिण में राजौरी तक पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के इलाकों में आतंकी संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी था.” मलिक, आतंकवादी संगठनों में नए लड़कों की भर्ती करने के साथ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त था.
अधिकारी ने बताया कि पिछले 30 वर्षों से सक्रिय मलिक ने कई आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद की और उन्हें सीमा पार कराया, जिसकी वजह से कई भारतीय नागरिकों, सुरक्षा र्किमयों को अपनी जान गंवानी पड़ी. उन्होंने बताया, ”उसका मारा जाना नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद के आकाओं और आतंकवाद के आधारभूत ढांचे के लिए एक बड़ा झटका है.” अधिकारी ने बताया कि बारामूला जिले के उरी सेक्टर में एक ही क्षेत्र से बार-बार घुसपैठ की कोशिशें कश्मीर घाटी में मौजूदा शांति व्यवस्था को बिगाड़ने और अधिक आतंकवादियों को भेजने की दुश्मन की हताशा को दर्शाती है.
उन्होंने बताया, ”हमने नियंत्रण रेखा पर मजबूत सुरक्षा घेरा तैयार किया हुआ है और सीमा पर हम कड़ी निगरानी रखते हैं. भारतीय सेना घुसपैठ के ऐसे किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए मुस्तैदी से तैयार है और हम दुश्मन को उसके नापाक इरादों में सफल नहीं होने देंगे.” अधिकारियों ने बताया, ”उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की संभावना के संबंध में विशेष खुफिया सूचना के आधार पर 15 नवंबर की सुबह संयुक्त अभियान शुरू किया गया था.” उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में इलाके में घुसपैठ की यह दूसरी कोशिश थी. पहली कोशिश को भी विफल कर दिया गया था.