केदारनाथ धाम के कपाट खुले, पहली पूजा प्रधानमंत्री के नाम से हुई

देहरादून. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट छह माह बंद रहने के बाद मंगलवार को विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए. इस अवसर पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई.

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रावल भीमाशंकर ंिलग द्वारा अन्य पुजारियों तथा धर्माचार्यों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विशेष पूजा अर्चना किए जाने के बाद सुबह 6:20 बजे मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. उन्होंने बताया कि मंदिर में पहली पूजा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में लोक कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई.

धामी ने भगवान शिव की आराधना कर देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की. उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया तथा मंदिर परिसर में आयोजित भंडारा कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया. कपाट खुलने के अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) को भी केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंचना था लेकिन खराब मौसम के कारण उनके हेलीकॉप्टर को गौरीकुंड से वापस लौटना पड़ा.

पिछले कुछ दिनों से लगातार बर्फबारी और रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण भीषण ठंड के बावजूद हजारों की संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालु मंदिर के कपाट खुलने के साक्षी बने. केदारनाथ धाम और इसके आसपास का पूरा इलाका बर्फ से ढका हुआ है. चारों तरफ एक फुट से ज्यादा ऊंची बर्फ की परत जमी हुई है. हालांकि, मंदिर परिसर और धाम के लिए जाने वाले पैदल रास्तों से बर्फ हटा दी गई है.

कपाट खुलने के मौके पर भगवान शिव के धाम को 35 ंिक्वटल फूलों से सजाया गया था. कपाट खुलते समय सेना के बैंड की धुनों के बीच भजन कीर्तन एवं जय श्री केदार, बम-बम भोले का उद्घोष हुआ. इस अवसर पर तीर्थयात्रियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई. इससे पहले, सोमवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पर भी पुष्प वर्षा की गई थी.

मौसम विभाग द्वारा 29 अप्रैल तक बर्फबारी और बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने के चलते राज्य सरकार ने रविवार को केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 तारीख तक के लिए बंद कर दिया जबकि ऋषिकेश, श्रीनगर, गौरीकुंड, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग सहित कई जगहों पर यात्रियों को फिलहाल वहीं ठहरने को कहा जा रहा है.

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यात्रा व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है जिसमें सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं का भी पूरा सहयोग मिल रहा है.

उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि मौसम की जानकारी लेकर ही आगे बढ़ें जिससे किसी को भी मौसम की वजह से कोई असुविधा न हो. गत 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे .

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