उद्धव ठाकरे ने निर्वाचन आयोग से चुनाव चिन्ह और नाम जल्द आवंटित करने की अपील की

मुंबई. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार को निर्वाचन आयोग से अपील की कि वह उनके नेतृत्व वाले धड़े द्वारा सुझाए गए तीन चुनाव चिह्न और नाम में से एक पर जल्द अंतिम निर्णय ले. तीन नवंबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर ठाकरे ने आयोग से यह अपील की है. निर्वाचन आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ ंिशदे नीत दोनों गुटों के पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का उपयोग करने पर शनिवार को पाबंदी लगा दी थी.

रविवार को आॅनलाइन संबोधन में ठाकरे ने आयोग के इस कदम को ‘‘अन्याय’’ करार दिया. ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग से मेरी पार्टी के लिए जल्द से जल्द एक चुनाव चिह्न और नाम को अंतिम रूप देने की अपील करता हूं क्योंकि हमें लोगों के पास जाना है और उपचुनाव का सामना करना है. मैं आयोग के फैसले से स्तब्ध हूं, लेकिन मेरा विश्वास नहीं डगमगाया है और शिवसेना समर्थकों पर भी मेरा भरोसा कायम है.’’ पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी कर निर्वाचन आयोग ने दोनों से कहा था कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नए नाम और चुनाव चिह्न सुझाएं.

आयोग दोनों गुटों द्वारा सुझाए गए नामों और चुनाव चिह्नों में से उन्हें किसी एक का उपयोग करने की अनुमति देगा. उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके खेमे ने आयोग की अनुमति प्राप्त करने के लिए तीन नाम सुझाए हैं, जिनमें ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’, ‘शिव सेना बालासाहेब प्रबोधंकर ठाकरे’ और ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ शामिल है. उन्होंने कहा कि उनके खेमे ने निर्वाचन आयोग को अपने चुनाव चिह्न के लिए त्रिशूल, उगता सूरज या मशाल के रूप में तीन विकल्प सुझाए हैं. उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ ंिशदे और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला.

निर्वाचन आयोग के फैसले से कमजोर या हतोत्साहित नहीं है ठाकरे गुट : राकांपा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर निर्वाचन आयोग का आदेश हैरत में डालने वाला है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उद्धव ठाकरे नीत गुट कमजोर या हतोत्साहित है. भारत निर्वाचन आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ ंिशदे नीत दोनों गुटों द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न का उपयोग किए जाने पर शनिवार को पाबंदी लगा दी थी.

पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी कर निर्वाचन आयोग ने दोनों से कहा है कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नए नाम और चुनाव चिह्न सुझाएं. उपनगर मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव तीन नवंबर को होना है. इस सीट पर शिवसेना के मौजूदा विधायक रमेश लटके के निधन के कारण उपचुनाव आवश्यक हो गया था.

कांग्रेस और राकांपा ने रमेश लटके की पत्नी रुजुता लटके का समर्थन करने का फैसला किया है जो शिवसेना के ठाकरे गुट की उम्मीदवार हैं. ंिशदे गुट की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका के पार्षद मुरजी पटेल को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.

राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता महेश तापसे ने यहां पत्रकारों से कहा कि शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर पाबंदी लगाने का निर्वाचन आयोग का फैसला आश्चर्यजनक और दुखद है लेकिन यह आयोग का निर्णय अंतिम नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘एकनाथ ंिशदे की अगुवाई वाला गुट उपचुनाव नहीं लड़ रहा है, फिर भी पार्टी के नाम और चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगायी गयी. चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने का मतलब यह नहीं है कि शिवसेना कार्यकर्ता (ठाकरे की अगुवाई वाले) कमजोर या हतोत्साहित हो गए हैं. शिवसेना (ठाकरे गुट) के साथ राकांपा और कांग्रेस, भाजपा को कड़ी टक्कर देंगे.’’ तापसे ने कहा, ‘‘यह चुनाव आमने-सामने का मुकाबला होगा क्योंकि भाजपा ने उद्धव ठाकरे गुट के प्रत्याशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा किया है.’’

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