उप्र पुलिस माफिया अतीक अहमद को साबरमती जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना

अहमदाबाद. उत्तर प्रदेश पुलिस का एक दल उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में कुख्यात माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हो गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्ड की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगियों गुड्डू मुस्लिम और गुलाम एवं नौ अन्य के खिलाफ 25 फरवरी को एक मामला दर्ज किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस 26 मार्च को भी अतीक अहमद को अदालत में पेश करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद शहर से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला ले गई थी. 28 मार्च को वहां की अदालत ने 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद और दो अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

उत्तर प्रदेश के 60 वर्षीय पूर्व विधायक और लोकसभा के पूर्व सदस्य अतीक को प्रयागराज से लगभग 24 घंटे की सड़क यात्रा के बाद 29 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस की वैन में गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में वापस लाया गया था. 2006 में, अतीक अहमद और उसके सहयोगियों ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया था और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया था. उमेश पाल ने इस संबंध में एक शिकायत दर्ज करायी थी.

उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल 2019 में अतीक अहमद पर जेल में रहने के दौरान एक रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण करने और उससे मारपीट के आरोप लगने के बाद गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था.

पुलिस ने कहा कि अहमद पर हाल ही में हुए उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. सबसे सनसनीखेज हत्या के मामलों में से एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल का है, जिनकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें अतीक अहमद कथित तौर पर शामिल था. इस हत्याकांड के एक अहम गवाह उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज स्थित उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

अहमद ने पिछले महीने सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. अपनी याचिका में उसने दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में बतौर आरोपी, झूठा फंसाया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है.

अपनी याचिका में, अहमद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड और पुलिस रिमांड की मांग किए जाने के बीच उसे ‘‘वास्तव में आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उसका खत्मा किया जा सकता है.’’

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