पश्चिम बंगाल : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को हिंसा प्रभावित इलाके में जाने से रोका गया

डानकुनी. पश्चिम बंगाल में पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को हुगली जिले के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक दिया. सुकांत मजूमदार ने ‘‘दंगा प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का उल्लेख करते हुए’’ दोपहर बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की.

हुगली जिले के कई स्थानों पर दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, जहां रविवार को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गयी थी. पुलिस ने कहा कि रिसड़ा थानाक्षेत्र में रामनवमी की दो शोभायात्रा आयोजित की गई थीं और दूसरी शोभायात्रा पर रविवार शाम करीब सवा छह बजे जीटी रोड पर वेंिलगटन जूट मिल मोड़ के पास हमला हुआ.

उत्तर बंगाल के बालुरघाट से सांसद सुकांत मजूमदार एक विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए श्रीरामपुर लोकसभा क्षेत्र के बटाला जा रहे थे. लेकिन, मजूमदार को उनकी पार्टी के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो के साथ पुलिस ने डानकुनी रोड पर रोक दिया.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने धारा-144 नहीं तोड़ी. हमने पुलिस से अनुरोध किया कि कम से कम मेरी पार्टी के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो और मुझे वहां जाने की अनुमति दें. पुलिस मुझे अनुमति नहीं देना चाहती क्योंकि वे सच्चाई को छिपाना चाहते हैं. ’’

मजूमदार ने हिंसा प्रभावित इलाकों में तुरंत केंद्रीय बलों की तैनाती के अलावा इसकी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है और यदि उन्हें बटाला में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई, तो वह उसी स्थान पर धरना शुरू करेंगे.

इससे पहले, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सोमवार को भी हुगली जिले के हिंसा प्रभावित रिसड़ा इलाके में पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए जाने से रोक दिया था. इस बीच, भाजपा की प्रदेश इकाई की महासचिव और हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी ट्रेन से रिसड़ा पहुंचीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें स्टेशन पर ही रोक दिया.

पुलिस ने लॉकेट चटर्जी को निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए रेलवे स्टेशन से बाहर नहीं निकलने दिया. पुलिस अधिकारियों के साथ बहस के बाद उन्होंने स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही बैठ कर धरना दिया. मजूमदार के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर उपद्रव पैदा करने का आरोप लगाया है.

कुणाल घोष ने कहा, ‘‘ भाजपा राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है. जब पुलिस ने शांति बहाल कर दी है तो भाजपा हंगामा क्यों कर रही है? शांति की कीमत पर भाजपा वोट हासिल करना चाहती है. ’’ सुकांत मजूमदार और भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शाम को राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की और उन्हें मौजूदा स्थिति से अवगत कराया. दार्जिंिलग का दौरा छोड़कर हुगली जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने मंगलवार को कहा कि हुड़दंगियों को कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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