आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर फंसे 184 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया

पिथौरागढ. आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण पिछले तीन दिन से फंसे 184 श्रद्धालुओं को नाजांग तथा उसके आगे से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. धारचूला के उपजिलाधिकारी देवेश शास्नी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर फंसे 184 श्रद्धालुओं को एसएसबी, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) तथा पुलिस जवानों की मदद से सफलतापूर्वक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. ये लोग कैलाश की यात्रा कर लौट रहे थे.

उन्होंने बताया कि कई श्रद्धालुओं ने उड़ान पकड़ने या अन्य कोई जरूरी काम होने का हवाला देते हुए प्रशासन से उन्हें बाहर निकालने का अनुरोध किया था. उपजिलाधिकारी ने बताया कि आदि कैलाश की ओर जाने वाले 152-200 अन्य श्रद्धालु अभी भी गुंजी के पास फंसे हैं और निजी एजेंसियां उनकी देखभाल कर रही हैं.

पिथौरागढ. जिले के धारचूला से 45 किलोमीटर दूर नाजांग में तीस मई को हुए भारी भूस्खलन से सड़क पर भारी मात्रा में मलबा जमा हो जाने के कारण आदि कैलाश जा रहे तथा वहां से वापस आ रहे तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों– धारचूला, नपालचू, गुंजी और बूंदी पर फंस गए थे .

गत चार मई को शुरू हुई आदि कैलाश यात्रा का प्रबंधन कुमांड मंडल विकास निगम के साथ ही और निजी टूर आपरेटर भी कर रहे हैं .
इस बीच, कर्नाटक से आदि कैलाश की यात्रा पर आए रामदास (68) की बुधवार शाम को तबीयत बिगड़ने से मृत्यु हो गयी. शास्नी ने बताया कि आदि कैलाश की यात्रा पर जाने के दौरान भूस्खलन से रास्ता बंद होने पर रामदास ने नारायण आश्रम घूमने का मन बनाया लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गयी.

उन्होंने बताया, ”मार्ग बंद होने के कारण रामदास, नारायण आश्रम घूमने चले गए लेकिन रास्ते में हिमखोला गांव में अचानक उनकी तबियत खराब हो गयी . उनके अनुसार ग्रामीण उन्हें निकटवर्ती अस्पताल ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.” उपजिलाधिकारी के अनुसार, कर्नाटक में उनके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गयी है .

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