ठाकरे ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो एमवीए सरकार को बहाल करने पर विचार कर सकते थे: न्यायालय

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि उद्धव ठाकरे ने पिछले साल जून में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया होता तो वह उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को बहाल करने पर विचार कर सकता था..

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे सरकार के गिरने के कारण राजनीतिक संकट से संबंधित कुछ याचिकाओं पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा कि स्वेच्छा से प्रस्तुत किए गए इस्तीफे को वह रद्द नहीं कर सकती.

महाराष्ट्र राजनीतिक विवाद पर न्यायालय ने कहा, राज्यपाल राजनीतिक दायरे में प्रवेश नहीं कर सकते
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी राज्य के राज्यपाल के पास राजनीतिक दायरे में दाखिल होने तथा अंतर-दलीय विवादों या पार्टी के आंतरिक विवादों में भूमिका निभाने की शक्तियां नहीं होती. न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए कहना ‘‘कानून के अनुरूप नहीं था.’’

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