बंगाल सरकार से मुझे अब तक कोई सराहना नहीं मिली :पद्म श्री विजेता रतन कहार

कोलकाता. पद्मश्री से सम्मानित लोक गायक रतन कहार ने बंगाली लोक गीतों की परंपरा को संरक्षित करने के उनके प्रयासों को मान्यता देने के लिए केंद्र के प्रति आभार व्यक्त किया. साथ ही, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि उन्हें अब तक पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोई सराहना नहीं मिली है.
अपने मशहूर गीत ‘बोड़ो लोकेर बिटी लो’ के लिए पहचाने जाने वाले कहार ने खुलासा किया कि उनकी कई रचनाएं हमेशा के लिए खो गई हैं, जबकि कुछ अन्य गीत अतीत में उनकी सहमति के बिना अन्य संगीतकारों द्वारा उपयोग किए गए हैं. कहार ने शनिवार को बीरभूम जिले के एक गांव में स्थित अपने घर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ”मुझे खुशी है कि केंद्र ने मेरे काम के लिए मुझे पद्मश्री से सम्मानित करने पर विचार किया. यह मेरी उम्मीदों से परे था. हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक मेरे योगदान को नहीं सराहा है.” कहार ने उपयुक्त सुविधाओं के अभाव के कारण उनकी कई रचनाओं की ”अपूरणीय क्षति” पर अफसोस जताया.
लोक गायक ने कहा, ”मेरे पास कागजात, पांडुलिपियों और गीतों को संग्रहीत करने के लिए घर पर पर्याप्त जगह नहीं है. अतीत में मेरे सिर पर एक छत तक नहीं थी. मैंने कई कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन कोई मेरी सहायता के लिए आगे नहीं आया. उन दिनों मैंने जो अनगिनत गीत लिखे, वे शायद कभी वापस नहीं मिलेंगे.”