संरा महासभा के उच्चस्तरीय सत्र में आतंकवाद के खिलाफ जंग, यूएनएससी में सुधार पर होगा भारत का जोर

संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78 वें वार्षिक उच्च स्तरीय सत्र के दौरान जी20 समूह के अध्यक्ष के रूप में ‘ग्लोबल साउथ’ से जुड़े अहम मुद्दों पर भारत का जोर, आतंकवाद के खिलाफ जंग, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार और वैश्विक शांति का मुद्दा नयी दिल्ली की प्राथमिकताओं में शामिल होगा. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यह जानकारी दी.
कंबोज ने सोमवार को जारी एक वीडियो संदेश में कहा, “यूएनजीए के इस सत्र में हमारी भागीदारी वैश्विक सहयोग, शांति और सतत विकास के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है.” उन्होंने कहा, “उस सिद्धांत से प्रेरित होकर, जो दुनिया को एक एकीकृत वैश्विक परिवार के रूप में देखता है और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं के अनुरूप, हम सहयोगात्मक प्रयासों के लिए तत्पर हैं, जिससे न केवल हमारे संबंधित महाद्वीपों, बल्कि पूरे विश्व को फायदा होगा.” यूएनजीए सत्र में आम बहस की शुरुआत की पूर्व संध्या पर कंबोज ने कहा कि महासभा के 78वें सत्र के दौरान भारत कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. इस बहस के दौरान कई देशों और सरकारों के प्रमुख एवं मंत्री यूएनजीए के प्रतिष्ठित मंच से विश्व को संबोधित करेंगे.
सत्र के लिए भारत की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए कंबोज ने देश की जी20 अध्यक्षता और नयी दिल्ली में 9-10 सितंबर को आयोजित इस प्रतिष्ठित समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “सबसे पहले, जी20 के निवर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत जलवायु कार्रवाई, वित्त और सतत विकास लक्ष्यों सहित उन मुद्दों पर जोर देना जारी रखेगा, जो ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं.” ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं. कंबोज ने कहा, “हमने समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग के महत्व को पहचानते हुए गर्व से अफ्रीकी संघ के लिए जी20 में शामिल होने के दरवाजे खोले हैं.”