जम्मू-कश्मीर: सेना का हेलीकॉप्टर किश्तवाड़ में दुर्घटनाग्रस्त, तकनीशियन की मौत, दो पायलट घायल

जम्मू. सेना का एक हेलीकॉप्टर किसी तकनीकी खामी के चलते जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बृहस्पतिवार को ‘‘मजबूरन उतारे जाने’’ के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके कारण इसमें सवार एक तकनीशियन की मौत हो गई और दो पायलट घायल हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अभियानगत मिशन में तैनात उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव मारवाह इलाके में एक नदी के किनारे दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह इलाका इन दिनों भारी बर्फबारी के कारण जिला मुख्यालय से कट गया है. सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि घटना की ‘कोर्ट आॅफ इन्क्वायरी’ के आदेश दिए गए हैं.
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान ने एक बयान में कहा, ‘‘परिचालन मिशन पर गए ‘आर्मी एविएशन एएलएच ध्रुव’ हेलीकॉप्टर को चार मई, 2023 को पूर्वाह्न करीब सवा 11 बजे जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मारुआ नदी के किनारे एहतियातन उतारा गया.’’ बयान में कहा गया है कि पायलट ने हवाई यातायात नियंत्रक (एटीसी) को किसी तकनीकी खामी के बारे में बताया था और हेलीकॉप्टर को एहतियातन उतारने की कार्रवाई शुरू की थी.
बयान के मुताबिक, ‘‘ऊबड़-खाबड़ मैदान में, हेलीकॉप्टर को मजबूरन उतारा गया. तत्काल बचाव अभियान शुरू किया गया और सेना के बचाव दल मौके पर पहुंचे.’’ सेना ने बताया कि घायलों को उधमपुर के कमान अस्पताल ले जाया गया, जहां तकनीशियन- क्राफ्टमैन पाब्बल्ला अनिल की गंभीर रूप से घायल होने के कारण मौत हो गई.
उत्तरी कमान के जनरल आॅफिसर कमांंिडग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने तकनीशियन को श्रद्धांजलि अर्पित की.
सेना की उत्तरी कमान ने ट्वीट करके बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी अभियानगत उड़ान के दौरान अपना कर्तव्य निभाते हुए पाब्बल्ला अनिल द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. रक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों पायलट की हालत ‘‘स्थिर’’ है.
स्थानीय लोग तत्काल दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने घायलों को निकालने में मदद की. कुछ वीडियो में नजर आ रहा है कि कश्मीरी भाषी स्थानीय लोग घायलों को ढांढस बंधा रहे हैं. किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खलील अहमद पोसवाल ने बताया कि हेलीकॉप्टर का मलबा नदी के किनारे मिला.
उन्होंने पहले कहा था कि दुर्घटना सुबह करीब 10 बजकर 35 मिनट पर हुई. गौरतलब है कि ठंड के मौसम में इस इलाके के लोगों के लिए हेलीकॉप्टर ही परिवहन का एकमात्र साधन है, और इन्हीं के जरिए वहां सामान भी भेजा जाता है. इससे पहले हेलीकॉप्टर में सवार लोगों की संख्या को लेकर भ्रम था.
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