प्रदूषण से निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध: केजरीवाल ने श्रमिकों को 5000 रुपये की सहायता की घोषणा की

नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया को निर्देश दिया कि शहर में प्रदूषण के कारण निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध के चलते 10 लाख पंजीकृत श्रमिकों को पांच-पांच हज़ार रुपये की सहायता प्रदान की जाए.

प्रदूषण स्तर बढ़ने के साथ, केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तीसरे चरण के तहत शनिवार को अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर में केवल आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया था.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”प्रदूषण को देखते हुए पूरी दिल्ली में निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है. मैंने श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया को इस अवधि के दौरान प्रत्येक निर्माण श्रमिक को वित्तीय सहायता के रूप में पांच हज़ार रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया है.” दिल्ली सरकार के एक बयान के अनुसार राजधानी में 10 लाख से अधिक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बैंक खाते में पांच-पांच हजार रुपये जमा किये जाएंगे और इस योजना पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. बयान में कहा गया कि यह सहायता राशि जल्द ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के खातों में सीधे जमा की जाएगी.

दिल्ली सरकार ने पिछले साल भी निर्माण कार्यों पर प्रदूषण से संबंधित पाबंदी के कारण सात लाख निर्माण श्रमिकों की मदद के लिए 350 करोड़ रुपये खर्च किये थे. बयान के अनुसार आम आदमी पार्टी (आप) नीत शहर की सरकार ने पहले भी कोविड-19 महामारी के दौरान दिल्ली में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान की थी.

पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ने के बाद निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है. निर्माण कार्यों पर अचानक से पाबंदी लगने से श्रमिकों में बेचैनी की भावना देखी गयी जिन्हें अनिश्चितकाल के लिए बेरोजगार होने की आशंका सताने लगी.

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