हाथियों को प्रभावित क्षेत्रों से भगाने के लिए मधुमक्खियों की फौज बनाएगी मध्य प्रदेश सरकार

भोपाल. मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार अब प्रभावित क्षेत्रों में डिब्बों में मधुमक्खियां पालेगी और रहवासी इलाकों में आ रहे हाथियों के रास्ते में इन्हें रखेगी, जिनकी भिनभिनाती आवाज एवं डंक से डरकर हाथी मानव बस्तियों और खेतों में नहीं आएंगे.

हाथी महुआ के फूलों को खा लेते हैं और इसके नशे में मस्त होकर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के रहवासी इलाकों में भटकते है. भगाए जाने या पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ लौटने से पहले वे तांडव मचाकर जान-माल को नुकसान पहुंचाते हैं. अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें इनसे संबंधित आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अनुशंसित संचालन प्रक्रिया दी गई है.

उन्होंने कहा कि एक उपाय के तौर पर लोगों को हाथियों को भगाने के लिए प्रभावित इलाकों में मधुमक्खियां पालने की सलाह दी गई है.
अधिकारियों के अनुसार, अनुशंसित संचालन प्रक्रिया में कहा गया है, ‘‘हाथी मधुमक्खियों से डरते हैं, क्योंकि मुधुमक्खियां उनकी आंख और सूंड में डंक मारती हैं. इसके अलावा, मधुमक्खयों की आवाज हाथियों को परेशान करती है. मधुमक्खियों से भरे डिब्बे हाथियों के रास्ते में रखने से हाथियों को मानव बस्तियों में आने से रोका जा सकेगा.’’ उन्होंने बताया कि अनुशंसित संचालन प्रक्रिया में यह भी कहा गया है कि मधुमक्खी पालन की योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जोड़कर बनाई जाए, जिसमें हाथी द्वारा शहद बॉक्स को क्षति पहुंचाए जाने पर प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया जाए.

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