हापुड़ में बोरवेल में गिरे मूक बधिर बच्चे को NDRF की टीम ने बचाया

हापुड़. उत्तर प्रदेश के हापुड़ शहर के कोटला सादात मोहल्ले में मंगलवार दोपहर चार साल का मूक बधिर बच्चा माविया खेलते-खेलते एक खुले बोरवेल में गिर गया जिसे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने मौके पर पहुंचकर शाम तक सकुशल बाहर निकाल लिया.

स्­थानीय निवासियों और मौके पर बचाव अभियान देखने के लिए छतों पर जमा हुए लोगों ने तालियों और जयकारों से स्वागत किया.
बच्चे को मौके पर मौजूद एक चिकित्सा दल को सौंप दिया. लगभग पांच घंटे तक चला चुनौती और ंिचता भरा यह अभियान कुछ ही क्षणों में खुशी के माहौल में बदल गया.

बच्चे को बचाये जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में हापुड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीपक भूकर ने कहा, “एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे को बोरवेल से सफलतापूर्वक निकाल लिया है. वह चिकित्सीय निगरानी में है, और चिकित्सकों की टीम द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है.” हापुड़ के जिलाधिकारी मेधा रूपम ने कहा कि मुख्य ंिचता यह थी कि बच्चा सुरक्षित रहे. बच्चे को चोट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “चोटें हैं और हम इसे ठीक कर रहे हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि कर्तव्य निर्वहन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

एनडीआरएफ के अधिकारी ने बचाव अभियान के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि यह अभियान करीब पांच घंटे तक चला.
उन्होंने कहा कि ”हमारा प्रयास था कि बच्चे को बचाया जाए और उसे जल्द से जल्द प्रशासन को सौंप दिया जाए.” यह पूछे जाने पर कि यह आॅपरेशन कितना चुनौतीपूर्ण था एनडीआरएफ के अधिकारी ने कहा, “चुनौती बहुत बड़ी थी, क्योंकि लड़का बोलने में सक्षम नहीं था और इसलिए लड़के के साथ कोई संवाद नहीं हुआ . उस समय यह केवल धैर्य था जो महत्वपूर्ण था.”

उन्होंने कहा, ”हमारे अच्छी तरह से प्रशिक्षित बचावकर्मी बहुत धैर्य के साथ काम करते हैं, साथ ही तकनीक को भी अपनाते हैं.” उन्होंने कहा कि बचाव अभियान एनडीआरएफ की 47 सदस्यीय टीम द्वारा चलाया गया और टीम के सदस्यों ने बारी-बारी से अभियान संचालित किया. अधिकारियों ने कहा कि बच्चा मंगलवार को यहां कोटला सादात इलाके में जब खेल रहा था तभी एक खुले बोरवेल में गिर गया था. खबर फैलते ही परिजन व अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जिलाधिकारी मेधा रूपम ने भी कहा कि बोरवेल के अंदर आॅक्सीजन भेजी गई थी.

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