‘वैश्विक व्यापार मांग’ के अनुरुप नए शहरों का निर्माण किया जा रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश के शहर ही भारत के भविष्य को आकार देंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि वह अगले 25 सालों में एक विकसित राष्ट्र बने. उन्होंने कहा कि देश में ऐसे नए शहरों का निर्माण किया जा रहा है जो ‘‘ग्लोबल बिजनेस डिमांड’’ (वैश्विक व्यापार मांग) के अनुरूप हों. इसके साथ ही पुराने शहरों में सुधार और उनके विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
गांधीनगर-अहमदाबाद की तर्ज पर देश में नगरद्वय विकसित किए जाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को देश के शहरों से नई गति मिलने वाली है. तेज विकास के लिए गति को महत्वपूर्ण कारक करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्बाध संपर्क के साथ ही परिवहन तंत्र आधुनिक भी होने चाहिए. गांधीनगर-मुंबई के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के नए और उन्नत संस्करण को हरी झंडी दिखाने और अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण के उद्घाटन के बाद यहां आयोजित एक कार्यक्रम को मोदी संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी के भारत को देश के शहरों से नई गति मिलने वाली है. बदलते हुए समय और बदलती हुई जरूरतों के साथ अपने शहरों को भी निरंतर आधुनिक बनाना जरूरी है. इसलिए देश के शहरों में निवेश करने पर ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि यही अगले 25 सालों में भारत का विकसित राष्ट्र बनना सुनिश्चित करेगा.’’ उन्होंने कहा कि अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, भोपाल, इंदौर और जयपुर जैसे शहर भी अगले 25 सालों में भारत के भविष्य को आकार देंगे. उन्होंने कहा कि निवेश सिर्फ संपर्क बढ़ाने पर ही नहीं किया जा रहा है बल्कि दर्जनों शहरों में बेहतर सुविधाएं भी विकसित की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘शहर में परिवहन का तंत्र आधुनिक हो, निर्बाध संपर्क हो और यातायात का एक साधन दूसरे को सहयोग करे, यह किया जाना आवश्यक है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नगरद्वय कैसे विकसित किए जाते हैं, इसका बेहतर उदाहरण गांधीनगर और अहमदाबाद हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात में ऐसे नगरद्वय के निर्माण की बुनियाद रखी जा रही है.
उन्होंने कहा कि नगरद्वय के रूप में न्यूयॉर्क-न्यू जर्सी की अक्सर चर्चा होती है, ऐसे में भारत कैसे पीछे रह सकता है. मोदी ने कहा, ‘‘हमारे पास नगरद्वय के रूप में गांधीनगर-अहमदाबाद का मॉडल है.’’ उन्होंने कहा कि आणंद-नादियाड, भरूच-अंकलेश्वर, वलसाड-वापी, सूरत-नवसारी, वडोदरा-कलोल, मोरबी-वंकानेर, मेहसाधा-कड़ी जैसे नगरद्वय गुजरात की पहचान को और मजबूत करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, ‘‘पुराने शहरों में सुधार और उनके विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ ऐसे नए शहरों को भी तैयार किया जा रहा है, जो ग्लोबल बिजनेस डिमांड के अनुसार हों. गिफ्ट सिटी भी इस प्रकार के ‘प्लग एंड प्ले’ सुविधाओं वाले शहरों का बहुत उत्तम उदाहरण है.’’ मोदी ने केंद्र की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि सड़कों पर जाम और ट्रेनों की गति बढ़ाने की दिशा में पहले गंभीर प्रयास नहीं किए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत गति को जरूरी मानता है और इसे तेज विकास की गारंटी भी मानता है तथा गति को लेकर यह आग्रह आज गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान में भी दिखता है, नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी में भी दिखता है और रेलवे की गति को बढ़ाने के अभियान में भी स्पष्ट होता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अहमदाबाद और मुंबई के बीच शुरु हुई वंदे भारत ट्रेन देश के दो बड़े शहरों के बीच सफर को आरामदायक भी बनाएगी और दूरी को भी आठ घंटे से घटा कर साढ़े पांच घंटे कर देगी.
उन्होंने कहा, ‘‘शताब्दी ट्रेन भी छह से सात घंटे तक का समय लेती है लेकिन वंदे भारत साढ़े पांच घंटे में अहमदाबाद से मुंबई पहुंचा देगी. धीरे-धीरे इसमें और भी सुधार किए जाएंगे.’’ इस अवसर पर मोदी ने देश में 75 वंदे भारत ट्रेनों को आरंभ किए जाने का जिक्र किया और कहा कि इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ 52 सेंकेंड में तेज रफ्तार पकड़ लेती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में एक संवाद के दौरान उन्हें पता चला कि बड़ी संख्या में गरीब लोग भी वंदे भारत एक्सप्रेस से सफर करना पसंद कर रहे हैं क्योंकि इसमें सामान रखने की जगह ज्यादा है और इससे यात्रा का समय भी बचता है.
उन्होंने कहा कि शहरों के गरीब और मध्यम श्रेणी के लोगों को धुएं वाली बसों से मुक्ति मिले, इसके लिए इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण और संचालन के लिए योजना जारी है और इसके तहत अभी तक देश में 7,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों को स्वीकृति दी जा चुकी है और इस पर केंद्र सरकार 3,500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.