‘रिमोट वोटिंग’ पर कांग्रेस ने कहा: ‘ चुनाव प्रणाली में विश्वास होगा कमतर’

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (आरवीएम) के शुरुआती मॉडल को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को आमंत्रित किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को दावा किया कि इस पहल से चुनाव प्रणाली में विश्वास कमतर होगा. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग को सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव प्रणाली में पूरी पारर्दिशता के साथ विश्वास बहाल हो.

निर्वाचन आयोग ने चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के मकसद से बृहस्पतिवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए कहा कि उसने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ का एक शुरुआती मॉडल तैयार किया है और इसके प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को 16 जनवरी को आमंत्रित किया गया है. आयोग की यह पहल अगर कामयाब रहती है तो प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए अपने गृह राज्य/नगर जाने की जरूरत नहीं होगी और वे जहां हैं, वहीं से मतदान कर सकेंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘लोकतंत्र के संचालन के लिए जरूरी है कि चुनावी व्यवस्था में विश्वास हो. जर्मनी में 2009 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी क्योंकि मतदाता को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि उसका मत सही तरीके से रिकॉर्ड हो रहा है.’’ उन्होंने दावा किया कि भारत में ईवीएम को लेकर कई विवाद होने के बाद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मशीनों के ‘दुरुपयोग संबधी डर’ को व्यवस्थित ढंग से दूर नहीं किया गया.

आरवीएम का उल्लेख करते हुए रमेश ने कहा, ‘‘कल्पना कीजिए कि अगर विभिन्न क्षेत्रों की ईवीएम दूसरे स्थानों पर होंगी तो संदेहात्मक चलन को बल मिल सकता है. इससे चुनाव प्रणाली में विश्वास गंभीर रूप से कमजोर होगा.’’

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