सदन का समय से पूर्व स्थगन सभी राजनीतिक दलों की सहमति से हुआ है: लोकसभा अध्यक्ष

नयी दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि सदन को समय से पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला सभी राजनीतिक दलों की सहमति से हुआ है. ज्ञात हो कि संसद के शीतकालीन सत्र की बैठक निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.

संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलना था. लेकिन क्रिसमस एवं नववर्ष के कारण विभिन्न दलों के सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता वाली कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सत्र को समय से पहले स्थगित करने का आग्रह किया था. इसके आधार पर सत्र को समय से पहले स्थगित करने का फैसला किया गया.

बिरला ने संवादददाताओं से कहा कि उनका प्रयास रहता है कि सदन की कार्यवाही के दौरान सभी दलों के सदस्यों को पर्याप्त मौका मिले और वे देश के समक्ष महत्वपूर्ण विषयों पर विचार रखें तथा सार्थक चर्चा करें. उन्होंने कहा, ‘‘ मुद्दों पर सहमति और असहमति बहस में प्रतिंिबबित होनी चाहिए, व्यवधान में नहीं. चर्चा में अपेक्षाएं प्रतिंिबबित होनी चाहिए तथा समाज में फैली बुराइयों से निपटने को लेकर सामूहिक प्रयास भी झलकने चाहिए.’’

निर्धारित समय से पहले सत्र स्थगित करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ सदन को समय से पहले अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने का फैसला सभी राजनीतिक दलों की सहमति से हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि सत्र जल्दी समाप्त होने के बारे मे कार्य मंत्रणा समिति में सभी दलों की सहमति थी.

बिरला ने कहा कि इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही तथा 13 बैठकों में 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ.
यह पूछे जाने पर कि क्या अगला सत्र संसद के नये भवन में आयोजित होगा, बिरला ने कहा कि जब नये भवन का निर्माण पूरा हो जायेगा, तभी सत्र आयोजित करने के बारे में कुछ कह सकते हैं.

सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, निचले सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की.

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