प्रधानमंत्री मोदी आज मोरबी जाएंगे, पुल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों से करेंगे मुलाकात…

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मोरबी जाएंगे और पुल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों से मुलाकात करेंगे. वह मोरबी सिविल अस्पताल का दौरा भी करेंगे और यहां घायलों का हालचाल जानेंगे. 30 अक्टूबर की शाम मच्छु नदी पर बना 140 साल पुराना मोरबी केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया था. इस हादसे में 134 लोगों की मौत हो गई, 200 से अधिक को रेस्क्यू किया गया. दुर्घटना में 20 से अधिक घायल हुए हैं. 

राजकोट रेंज आईजी अशोक यादव ने कहा, ‘हमारी प्रारंभिक जांच से पता चला है कि तकनीकी और संरचनात्मक खामियों, जिनमें प्रमाणीकरण के साथ-साथ रखरखाव के कुछ मुद्दे शामिल हैं, के कारण यह त्रासदी हुई.’ रविवार रात से शुरू हुआ राहत व बचाव कार्य सोमवार पूरे दिन चला. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा भारतीय सेना, कोस्ट गार्ड, गरुड़ कमांडो की टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रहीं.

इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार शाम राजधानी गांधीनगर स्थित राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में सीएम भूपेंद्र भाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, गुजरात के मुख्य सचिव और डीजीपी सहित गृह विभाग और गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.

दुर्घटना को लेकर गुजरात सरकार ने 2 नवंबर को राज्यवापी शोक की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद जारी बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली और हादसे से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की. उन्होंने बैठक के दौरान एक बार फिर यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि हादसे में प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मिले.

ब्रिटिश कालीन पुल के रखरखाव और संचालन का ठेका ओरेवा समूह को मिला था. कंपनी के खिलाफ आईपीसी की गंभीर आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है. गुजरात एटीएस और मोरबी पुलिस ने सोमवार सुबह ओरेवा के 9 कर्मचारियों को हिरासत में लिया था. इनमें 2 प्रबंधक, 2 मरम्मत करने वाले कॉन्ट्रैक्टर पिता और पुत्र, 3 सुरक्षा गार्ड और 2 टिकट क्लर्क शामिल हैं. शाम को इनमें से 4 कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोप है कि संचालक कंपनी ने एनओसी मिलने से पहले ही पुल को खोल दिया था. मोरबी हादसे से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर के लिए हमारे साथ यहां बने रहें…

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