एलएसी पर पूर्व की यथास्थिति कायम नहीं हुई, क्या ‘चीन पे चर्चा’ होगी : पवन खेड़ा

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव से जुड़े बीते साल के घटनाक्रम और सरकार के स्तर पर दिए गए कुछ बयानों का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि एलएसी पर पूर्व की यथास्थिति कायम नहीं हुई है.
पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह सवाल भी किया कि क्या 2023 में ‘चीन पे चर्चा’ की जाएगी? उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन की नीतियां विनाशकारी रही हैं और मोदी सरकार ने उसे क्लीनचिट दी है. इसलिए हम बीते हुए साल 2022 का ‘चीनी कैलेंडर’ जारी कर रहे हैं.’’ खेड़ा ने इस ‘चीनी कैलेंडर’ में पिछले साल भारत और चीन के बीच के कई घटनाक्रम और बयानों का तिथिवार उल्लेख किया है.

उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के बाद से 18 बार चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की है और हमारे बीच सैन्य स्तर की वार्ता के 17 दौर हो चुके हैं. गलवान के बाद चीनी आयात में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई. चीनी कंपनियों ने ‘पीएम केयर’ में दान दिया और 3560 भारतीय कंपनियों में चीनी निदेशक हैं.’’ खेड़ा ने कहा कि नया साल शुरू होते ही वे चीनी राष्ट्रपति शी चिनंिफग को अपना “प्लस वन” कहने वाले प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहते हैं कि चीन का देपसांग में विभिन्न भारतीय स्थानों पर ‘‘कब्जा’’ क्यों बना हुआ है?’’

उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘पूर्व की स्थिति को क्यों नहीं कायम रखा गया? हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट में पेट्रोंिलग प्वाइंट 15 और पेट्रोंिलग प्वाइंट-17ए पर अब भी चीन का कब्जा क्यों बरकरार है? डोकलाम में “जम्फेरी रिज” तक चीनी निर्माण कार्य भारत के रणनीतिक “सिलीगुड़ी कॉरिडोर” को खतरे में डाल रहा है! क्या हम 2023 में “चीन पे चर्चा” करेंगे?’’

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