‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे के निर्माण कार्य में घोटाला हुआ: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे के निर्माण कार्य में घोटाले का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने भ्रष्टाचार से सनातनी आस्था पर आघात किया है जिसके लिए उसे माफी मांगनी चाहिए. पार्टी के मध्य प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने सत्तारूढ. भाजपा पर यह आरोप उस वक्त लगाया है जब कुछ दिनों पहले ही तेज आंधी के चलते ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे की छह प्रतिमाएं टूट गई थीं.

अग्रवाल ने यह भी कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”भाजपा ने लूट के लिए श्री महाकाल लोक को भी नहीं छोड़ा. मध्य प्रदेश के महाकाल लोक में धर्म के नाम पर सबसे बड़ी लूट की गई है. भाजपा की सरकारें कहीं ’40 प्रतिशत कमीशन की सरकार’ तो कहीं ’60 प्रतिशत कमीशन की सरकार’ के नाम से जानी जाती हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में ये 100 प्रतिशत की लूट है.” उन्होंने दावा किया कि इस लूट में जब लोकायुक्त द्वारा कुछ अफसरों को चिह्नित किया गया तो पूरी भाजपा सरकार उन्हें बचाने में लग गई और जांच बंद कर दी.

अग्रवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार ने प्रतिमाओं में भी घोटाला किया जिसके कारण महाकाल लोक में करोड़ों रुपये खर्च करके लगाई गई प्रतिमाएं जरा सी हवा में टूट गईं.” उन्होंने सवाल किया, ”क्या गुजरात की एक कंपनी को ठेका दिया गया था जिसने प्रतिमाएं बनाई थीं? क्या उज्जैन के विधायक महेश परमार और कुछ अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार रोकने की गुहार नहीं लगाई थी?” अग्रवाल ने कहा, ”क्या भाजपा के लोग सनातनी आस्था पर हुए आघात के लिए माफी नहीं मांगेंगे?”

कांग्रेस नेता अभय दुबे ने दावा किया, ” भाजपा की श्रद्धा सिर्फ श्रेय की है. जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल लोक गलियारे का उद्घाटन किया था तो इसका अलौकिक वर्णन किया. मगर आज जब भ्रष्टाचार सामने आया है, सप्त ऋषियों की प्रतिमाएं क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ी हैं तो मोदी जी एक ट्वीट तक करने को तैयार नहीं हैं.” उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे की छह प्रतिमाएं रविवार दोपहर आयी तेज आंधी के चलते गिरकर टूट गई थीं. ये टूटी प्रतिमाएं वहां स्थापित किये गये सप्त ऋषियों में से छह की हैं जो करीब 10 फुट ऊंची थीं.

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