महारानी के निधन पर शोक की लहर, 96 तोपों की सलामी दी गयी, राजकीय शोक शुरू

लंदन. ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल स्थित आवास पर निधन के एक दिन बाद शुक्रवार को ब्रिटेन में राजकीय शोक जारी है और इस बीच महारानी के आवास के इर्द-गिर्द श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग चुका है. लंदन के बकिंघम पैलेस और बर्कशायर में ंिवडसर कैसल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गयी, जिसमें कई लोगों ने 70 साल तक राज करने वाली महारानी के निधन पर अश्रुपूरित नेत्रों से श्रद्धांजलि दी. महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय का 96 साल की उम्र में कल निधन हो गया.

लंदन में, किंग्स ट्रूप रॉयल हॉर्स आर्टिलरी और आॅनरेबल आर्टिलरी कंपनी द्वारा लंदन टॉवर और हाइड पार्क से दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए 96 तोपों की सलामी दी गयी, जिनमें से प्रत्येक राउंड महारानी के जीवन के एक-एक वर्ष को सर्मिपत था. चर्च आॅफ इंग्लैंड द्वारा पूरे देश के विभिन्न चर्च को प्रार्थना या विशेष सेवाओं के लिए खोलने को लेकर प्रोत्साहित किये जाने के बाद गिरजाघरों ने घंटियां बजाईं. फुटबॉल और क्रिकेट मैचों सहित प्रमुख खेल आयोजनों को महारानी के सम्मान में स्थगित कर दिया गया है.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिजÞ ट्रस ने महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए बुलाए गए एक विशेष संयुक्त संसद सत्र में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. ऐसी उम्मीद की जा रही है यह श्रद्धांजलि सभा दिनभर चलकर स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक जारी रहेगी. संसद की 10 घंटे की बैठक पूरी तरह से महारानी पर केंद्रित है.

ट्रस ने कहा कि जब से महारानी की मृत्यु की घोषणा की गई है, दुनिया भर में ‘सबसे अधिक शोक की लहर‘ है. उन्होंने कहा, ‘‘जो भी उनसे (महारानी से) मिला होगा वह उस पल को याद रखेगा.’’ महारानी के उत्तराधिकारी महाराजा चार्ल्स तृतीय के संदर्भ में उन्होंने कहा कि देशवासी ‘हमारे नए महाराजा के प्रति वफादार’ रहेंगे.

राष्ट्रमंडल की महासचिव बैरोनेस पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा, ‘‘1953 में महारानी ने राष्ट्रों के समूह को एक ऐसे परिवार के रूप में परिभाषित किया, जिसकी तुलना ‘अतीत के साम्राज्यों’ से नहीं की जा सकती. अपने शासनकाल की शुरुआत में राष्ट्रमंडल के लिए महारानी की परिकल्पना उनके समर्पण और प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर पूरी हुई है.’’

राष्ट्रमंडल सचिवालय के पास से लेकर बकिंघम पैलेस तक जाने वाले मार्ग में महारानी को श्रद्धांजलि देने के लंदन ब्लैक कैब को एक के बाद एक पंक्तिबद्ध खड़ा किया गया था, जिनकी हेडलाइट्स एक साथ जलाकर रखी गई थी. ब्रिटेन की राजधानी के सभी बस स्टॉप पर और प्रसिद्ध पिकाडिली सर्कस स्क्रीन पर महारानी के सम्मान में उनकी छवियां उकेरी गयी थीं.

वंशानुगत राजशाही उनके बेटे और उत्तराधिकारी किंग चार्ल्स तृतीय के पास गई है, जो अपनी पत्नी क्वीन कंसोर्ट कैमिला के साथ दिवंगत महारानी को लेकर बाल्मोरल से लंदन लौटेंगे. किंग चार्ल्स ने एक बयान में कहा, ‘‘हम स्रेहिल महारानी और एक बहुत प्यारी मां के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं. मुझे पता है कि उनके निधन को पूरे देश, क्षेत्र और राष्ट्रमंडल तथा दुनिया भर के अनगिनत लोगों द्वारा गहराई से महसूस किया जाएगा.’’

ट्रस और वरिष्ठ मंत्री मध्य लंदन में सेंट पॉल कैथेड्रल में सार्वजनिक स्मृति सेवा में भाग लेंगे और उसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि राष्ट्रीय शोक की अवधि कितने दिनों की होगी. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय शोक की अवधि लगभग 12 दिनों तक रह सकती है. जिस दिन अंत्येष्टि होगी उस दिन राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर सार्वजनिक छुट्टी होगी.

‘आॅपरेशन लंदन ब्रिज के तहत आने वाले दिनों के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर हस्ताक्षर करने के लिए किंग चार्ल्स, नॉरफÞॉक के ड्यूक अर्ल मार्शल से मिलेंगे, जो रानी के अंतिम संस्कार के प्रभारी हैं. इस बीच, बकिंघम पैलेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘महारानी की मौत के बाद महाराजा (चार्ल्स तृतीय) ने महारानी के अंतिम संस्कार के बाद सात दिनों तक शाही शोक रखने की घोषणा की है.’’ बयान में कहा गया है कि महारानी के अंतिम संस्कार की तारीख आगे निर्धारित की जाएगी.

राजघराने के सदस्य, शाही परिवार के कर्मचारी और आधिकारिक ड्यूटी पर तैनात प्रतिनिधि तथा विभिन्न आयोजनों से सम्बद्ध सैनिक शाही शोक मनाएंगे. शुक्रवार की शाम को सम्राट के रूप में चार्ल्स का राष्ट्र के नाम पहला टेलीविजन संबोधन होगा, जिसमें वह अपनी मां को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महाराजा के तौर पर देश की सेवा करने का संकल्प लिया है.’’

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