चीन ने काबुल हमले के बाद अपने नागरिकों से अफगानिस्तान छोड़ने को कहा

इस्लामाबाद. काबुल में चीनी स्वामित्व वाले एक होटल पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के हमले के बाद चीन ने मंगलवार को अपने नागरिकों को ‘यथाशीघ्र’ अफगानिस्तान छोड़ने की सलाह दी है. अफगानिस्तान के तालिबान शासकों के लिए चीन का यह परामर्श बड़ा झटका है क्योंकि प्रशासन अफगान अर्थव्यवस्था को बर्बाद होने से बचाने के लिए विदेशी निवेश आर्किषत करना चाहता है. गौरतलब है कि करीब एक साल पहले तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था.

तालिबान के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी इस्लामिक ने काबुल लॉंगन होटल पर सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी ली है. हमले में तीन हमलावर और इमारत की खिड़की से कूद कर जान बचाने का प्रयास कर रहे कम से कम दो अतिथियों की मौत हो गई. सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीरों के अनुसार, शार-ए-नाव में स्थित होटल की 10 मंजिला इमारत से धुएं का गुबार उठता देखा गया. स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्होंने विस्फोटों और गोलियों की आवाजें भी सुनीं.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस हमले को मंगलवार को ‘‘भीषण प्रकृति का बताया’’ और कहा कि चीन को इससे ‘‘गहरा आघात’’ पहुंचा है. वांग ने बताया कि चीन ने ‘‘विस्तृत जांच’’ की मांग की है और तालिबान सरकार से ‘‘अफगानिस्तान में चीनी नागरिकों, संस्थानों/प्रतिष्ठानों और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तालिबान सरकार से ठोस कदम उठाने को कहा है.’’ वांग ने बताया कि काबुल स्थित चीनी दूतावास ने हमले से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए एक टीम भी भेजी है.

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