इतिहास को देखने का कांग्रेस का ‘नजरिया’ नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित: राजीव चंद्रशेखर

कांग्रेस नीत संप्रग सरकार 'भ्रष्टाचार की दुकान' थी : राजीव चंद्रशेखर

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर पाठ हटाने संबंधी खबरों को लेकर शुक्रवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इतिहास पर पार्टी के विचार नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित हैं.

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने इस कथित कदम को ध्यान आर्किषत करने का कांग्रेस ‘हथकंडा’ करार दिया और आरोप लगाया कि ‘परिवार’ का हिस्सा ना होने वाले लोगों के नाम हटाने के लिए देश के इतिहास को फिर से लिखने का कांग्रेस का एक लंबा इतिहास रहा है.
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बृहस्पतिवार को कहा था कि छात्रों के हित में इस साल ही स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संशोधन किया जाएगा. बंगारप्पा ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए यह भी संकेत दिया था कि पाठ्यपुस्तक संशोधन का प्रस्ताव संभवत: अगली बैठक में मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा.

पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई पाठ्यपुस्तकों से कुछ पाठों को हटाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर हालांकि उन्होंने विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी. पाठ्यपुस्तकों में आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार पर भी एक अध्याय शामिल है. कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य चंद्रशेखर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ”मेरा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है कि वे क्या करते हैं या क्या कहते हैं… यह (एक पाठ हटाने का कदम) बिल्कुल गलत है. यह उनके डीएनए में है और जो कोई भी वंशवाद का हिस्सा नहीं है, उसे इतिहास से बाहर निकालने का इरादा रखते हैं.” उन्होंने कहा कि इतिहास को देखने का उनका ‘नजरिया’ नेहरू-गांधी परिवार तक ही सीमित है.

चंद्रशेखर ने हेडगेवार पर एक पाठ हटाने के कर्नाटक सरकार के कथित कदम को ‘भारत के युवाओं के खिलाफ अपराध’ बताया और कहा कि छात्रों को भारत के बारे में सच्चाई से वंचित करने के लिए लोग कांग्रेस को जवाब देंगे. कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए अपने घोषणापत्र में भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलावों को रद्द करने का वादा किया था. पार्टी ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को रद्द करने का भी वादा किया था.

कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ थी : राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 10 साल ‘खोए हुए दशक’ रहे और इस दौरान उसके ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ देखी गई. ‘मोहब्बत की दुकान’ के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नारे पर तंज कसते हुए भाजपा नेता ने उन्हें ‘शानदार विदेशी पर्यटक’ करार दिया.

इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भारत अपने इतिहास में ‘सबसे महत्वपूर्ण’ दौर का सामना कर रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री के निर्णायक और प्रभावी नीतिगत फैसलों के कारण यह नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है.

केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा, “अगर हम 2004 से 2014 तक की अवधि को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई प्रगति के नजरिए से देखें तो इसके लिए सबसे उपयुक्त विवरण ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ होगा.” उन्होंने कहा, “यह वह दौर था जब 2-जी घोटाला हुआ, एंट्रिक्स-देवास घोटाला हुआ… निवेशक भारत छोड़ रहे थे और बीएसएनएल पूरी तरह से बर्बाद हो गया था.” उन्होंने कहा, “संप्रग का 2004-2014 का दशक बर्बाद हो गया और प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के साथ शुरू होने वाला दशक भारत के तकनीकी विशेषज्ञों का दशक है.” कांग्रेस के नेतृत्व वाला संप्रग 2004 से 2014 के बीच सत्ता में था.

चंद्रशेखर ने कहा कि उसके बाद के नौ साल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने लंबा सफर तय किया है. उन्होंने कहा कि भारत साइबर क्षेत्र में दुनिया का ‘सबसे बड़ा कनेक्टेड’ देश बन गया है, जबकि 2014 में परिस्थिति इसके ठीक विपरीत थी. उन्होंने कहा, “भारत आज दुनिया का सबसे तेज 5-जी अभियान देख रहा है. हमारे पास उच्च स्तर के स्वदेशी 5-जी कलपुर्जे हैं.” उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला है और साइबर जगत में सुरक्षा सुनिश्चित करना मोदी सरकार का ‘विजन और मिशन’ है.

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