संसद भवन में सेंगोल की स्थापना न्यायपूर्ण शासन की जिम्मेदारी की याद दिलाएगा: अमित शाह

नए संसद भवन में राजदंड (सेंगोल) स्थापित करने का निर्णय ऐतिहासिक: नड्डा

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बुधवार को कहा कि नये संसद भवन में ‘सेंगोल’ की स्थापना भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि यह देश के लिए न्यायपूर्ण शासन को बनाए रखने के दायित्व की याद दिलाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इससे पहले दिन में घोषणा की थी कि ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिए गए ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. सेंगोल को अब तक इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवर को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे.

केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट में कहा, ”भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण! इतिहास के साक्षी बनें क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये संसद भवन में पवित्र सेंगोल को जगह दी है, जो हमें राष्ट्र के लिए न्यायपूर्ण शासन को बनाए रखने के दायित्व की याद दिलाता है.” सरकार के फैसले की सराहना करते हुए पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह ‘भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण’ होगा जब मोदी नये संसद भवन में सेंगोल स्थापित करेंगे.

उन्होंने कहा, ”आइए इस पुण्य अवसर के हम सभी साक्षी बनें.” केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘लोकतंत्र के मंदिर’ में पवित्र ‘सेंगोल’ की उपस्थिति देशवासियों की आशाओं व आकांक्षाओं को निष्पक्ष और न्यायपूर्ण तरीके से साकार करने की प्रेरणा देगी.
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने सेंगोल को भारत के ‘पोषित अतीत और मूल्यों’ का प्रतीक बताया और कहा कि नये संसद भवन में इसकी उपस्थिति राष्ट्र को समृद्ध भविष्य की ओर ले जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि अमृत काल में अपनी विरासत का पुनर्जागरण करने का यह पवित्र कार्य देश की सांस्कृतिक एकता को नई मजबूती प्रदान करेगा. उन्होंने इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक ‘ऐतिहासिक क्षण’ करार दिया. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सेंगोल न्याय और निष्पक्ष शासन के मूल्यों का प्रतीक है.

उन्होंने कहा, ”पवित्र सेंगोल न्याय और निष्पक्ष शासन के मूल्यों का प्रतीक है, जिसे तमिलनाडु के एक प्रमुख शैव मठ के श्रद्धेय पुजारियों का आशीर्वाद प्राप्त है. नयी संसद में अमृत काल के प्रतीक के रूप में सेंगोल को अपनाकर, प्रधानमंत्री मोदी हमारे राष्ट्रीय इतिहास के साथ एक स्थायी संबंध स्थापित कर रहे हैं और आने वाली पीढि.यों के लिए कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहे हैं.”

नए संसद भवन में राजदंड (सेंगोल) स्थापित करने का निर्णय ऐतिहासिक: नड्डा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने नए संसद भवन में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपे गए पवित्र ‘राजदंड’ (सेंगोल) को स्थापित किए जाने के फैसले को एक ‘ऐतिहासिक क्षण’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उत्तर से दक्षिण तक भारत के भावनात्मक और आध्यात्मिक एकीकरण पर भी जोर देता है.

नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ”नए संसद भवन में पवित्र राजदंड स्थापित करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निर्णय एक ऐतिहासिक क्षण है. पवित्र राजदंड राष्ट्रीय महत्व का है और ऐतिहासिक महत्व रखता है… राजदंड शासन करने के लिए सर्वोच्च नैतिक अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है.”

भाजपा अध्यक्ष ने इस कदम के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया और कहा, ”एक विदेशी शासक से भारत के लोगों को सत्ता का हस्तांतरण प्रत्यक्ष नहीं था, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया के माध्यम से था, जैसा कि प्राचीन भारत में जाना जाता है. इतिहास के इस बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू को फिर से जीवंत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद. यह उत्तर से दक्षिण तक भारत के भावनात्मक और आध्यात्मिक एकीकरण पर भी जोर देता है.”

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हुई इस घटना (राजदंड को सौंपने की) को याद करने के लिए आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ से अधिक उपयुक्त अवसर नहीं हो सकता था. उन्होंने कहा, ”और पवित्र राजदंड के लिए नई संसद से बेहतर कोई जगह नहीं है.” आजादी के 75वें वर्ष को भारत सरकार आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है.

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