‘परेशान’ करने की बजाय कुछ अच्छे काम करे केंद्र सरकार : केजरीवाल ने दी नसीहत

नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए शुक्रवार को कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के जरिए हर किसी को ‘परेशान’ करने के बजाय उसे देश की प्रगति के लिए कुछ अच्छा काम करना चाहिए. साथ ही केजरीवाल ने हैरानी जताते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि शराब घोटाला आखिर क्या माजरा है.

उनकी यह टिप्पणी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में देश भर में 40 स्थानों पर ईडी की छापेमारी के बाद आई है. हालांकि, यह नीति अब वापस ले ली गयी है.

केजरीवाल ने कहा, ‘‘आज की तारीख तक मैं यह नहीं समझ पाया हूं कि यह शराब घोटाला क्या है. उनके (भारतीय जनता पार्टी के) एक नेता ने कहा है कि यह 1.5 लाख करोड़ रुपये का घोटाला है. लेकिन जब दिल्ली का बजट ही 70,000 करोड़ रुपये का है तो यह 1.5 लाख करोड़ रुपये का घोटाला कैसे हो सकता है? ’’ केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘उनके (भाजपा के) एक अन्य नेता ने कहा कि यह 8,000 करोड़ रुपये का घोटाला है, एक अन्य ने कहा कि यह 1,100 करोड़ रुपये का घोटाला है. उपराज्यपाल ने कहा कि यह 144 करोड़ रुपये का घोटाला है, जबकि सीबीआई ने कहा कि यह एक करोड़ रुपये का घोटाला है.’’ उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर अपने छापे के दौरान, उनके गांव में आप नेता के लॉकर की तलाशी ली और पूछताछ की लेकिन नीति में कुछ भी अनियमितता नहीं पाई गई.

उन्होंने सवाल किया, ‘‘इसलिए, घोटाला क्या है?’’ मुख्यमंत्री ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे दिन-रात सीबीआई और ईडी के साथ लगे रहने के बजाय देश के लिए कुछ अच्छा काम करना चाहिए. केजरीवाल ने सवाल किया, ‘‘यदि केंद्र कुछ सकारात्मक कार्य नहीं करता है और हर किसी को सीबीआई एवं ईडी के जरिए परेशान कराना तथा डराना जारी रखता है तो देश कैसे प्रगति करेगा?’’ उन्होंने कहा कि यदि कुछ गलत किया गया है तो केंद्र किसी को भी पकड़ने के लिए स्वतंत्र है लेकिन यदि वह ‘‘अनावश्यक रूप से’’ सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल हर किसी को डराने-धमकाने के लिए करता है तो देश की प्रगति बाधित होगी.

उन्होंने केंद्र को स्कूल जैसी सकारात्मक चीजों के बारे में बात करने की भी सलाह दी और दावा किया कि उनकी सरकार के 95 प्रतिशत संवाददाता सम्मेलन इस तरह की सकारात्मक चीजों के बारे में हुए हैं. केजरीवाल सरकार ने जुलाई में आबकारी नीति-2021-22 वापस ले ली थी. उल्लेखनीय है कि 17 नवंबर 2021 से इसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी. सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में सिसोदिया को एक आरोपी के रूप में नामजद किया है.

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