इंटरपोल महासभा: मोदी ने आतंकी पनाहगाहों को खत्म करने का विश्व समुदाय से किया आह्वान
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आतंकवादियों, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के लिए सुरक्षित ठिकानों का खात्मा करने की दिशा में वैश्विक समुदाय से तेजी से काम करने का आह्वान किया और कहा कि जब अच्छी ताकतें एक दूसरे का सहयोग करती हैं तो अपराधी ताकतें काम नहीं कर सकती हैं.
राजधानी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध को मानवता के लिए वैश्विक खतरा बताया और कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व के एकजुट होने का समय आ गया है. मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद सिर्फ भौतिक रूप से ही नहीं मौजूद है, बल्कि वह अब साइबर खतरों और आॅनलाइन कट्टरता के माध्यम से अपना दायरा बढ़ा रहा है.
महासभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रईसी और उसके महासचिव महासचिव जुर्गन स्टॉक ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया. महासभा की कार्यकारी समिति से उनका परिचय भी कराया गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 90वीं महासभा के मौके पर एक स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी किया.
अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘इन खतरों के बदलाव की रफ्तार पहले से तेज हुई है. जब खतरे वैश्विक होते हैं, तो प्रतिक्रिया केवल स्थानीय नहीं हो सकती है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व के एकजुट होने का समय आ गया है.’’ बैठक में 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल थे. इनमें पाकिस्तान के संघीय जांच ब्यूरो (एफआईए) के महानिदेशक मोहसिन बट्ट के नेतृत्व में पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पिछले कई दशकों से आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘विश्व जब इसके खतरों से वाकिफ हुआ, हम सुरक्षा के मूल्य को समझ चुके थे. इस लड़ाई में हमारे हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई है. मोदी ने कहा, ‘‘एक सुरक्षित दुनिया हमारी साझा जिम्मेदारी है. जब अच्छी ताकतें एक दूसरे का सहयोग करती हैं, तो अपराधी ताकतें काम नहीं कर सकती हैं.’’ प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध को मानवता के लिये खतरा बताते हुए कहा कि आतंकवादियों, ड्रग कार्टेल, अवैध शिकार गिरोहों या संगठित अपराधों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं हो सकती है.
इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं. इन प्रतिनिधियों में सदस्य देशों के मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं. महासभा की बैठक यहां 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगी. महासभा, इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है और साल में इसकी एक बार बैठक होती है. इस बैठक में इंटरपोल के कामकाज की समीक्षा की जाती है और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते हैं. बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी.
भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है. पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी. भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस बार की महासभा का आयोजन नयी दिल्ली में करने का विशेष मौका दिया गया है.