केरल के राज्यपाल ने सोमवार सुबह तक राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का इस्तीफा मांगा

‘संघ परिवार के एजेंडे’ को लागू करने का आरोप, राज्यपाल के खिलाफ विरोध कार्यक्रमों की घोषणा

तिरुवनंतपुरम. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के विपरीत एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के मद्देनजर राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से सोमवार सुबह तक इस्तीफा देने को कहा है. राज्यपाल की ओर से रविवार को केरल राजभवन ने एक ट्वीट में कहा कि नौ कुलपतियों में एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति भी शामिल हैं.

विश्वविद्यालयों के नामों की एक सूची के साथ ट्वीट में कहा गया, “2022 की सिविल अपील संख्या 7634-7635, 2021 की (एसएलपी (सी) संख्या 21108-21109) में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 21.10.22 के फैसले को बरकरार रखते हुए, माननीय राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया है: पीआरओ, केरल राजभवन.”

राजभवन ने कहा कि खान ने यह भी निर्देश दिया कि इस्तीफे सोमवार को सुबह 11.30 बजे तक उनके पास पहुंच जाएं.
शीर्ष अदालत ने एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. राजश्री एम एस की नियुक्ति को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार, राज्य द्वारा गठित खोज समिति को कुलपति पद के लिए इंजीनियंिरग विज्ञान क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के बीच से कम से कम तीन उपयुक्त व्यक्तियों के एक पैनल की सिफारिश करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय उसने केवल एक ही नाम भेजा.

एलडीएफ ने विश्वविद्यालय विवाद को लेकर केरल के राज्यपाल के खिलाफ विरोध कार्यक्रमों की घोषणा की

केरल के सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर राज्य के विश्वविद्यालयों में ‘संघ परिवार के एजेंडे’ को लागू करने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध ‘व्यापक प्रदर्शन’ समेत कई अभियानों की रविवार को घोषणा की. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव एम वी गोंिवदन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के कनम राजेंद्रन ने बताया कि यहां एलडीएएफ नेताओं की बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर अपने पद का ‘दुरुपयोग करने’ को लेकर राज्यपाल के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 15 नवंबर को यहां राजभवन के सामने और जिला केंद्रों पर प्रदर्शन किया जाएगा. उनके अनसार, राजभवन के सामने प्रदर्शन में एलडीएफ के वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे. गोंिवदन ने राज्यपाल पर विश्वविद्यालयों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयास को कमजोर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के समर्थकों को जगह देने के लिए राज्यपाल केरल विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्यों को हटा रहे है.

उन्होंने दावा किया, ‘‘राज्यपाल का प्रयास संघ परिवार की खातिर उच्च शिक्षा क्षेत्र पर नियंत्रण कायम करना है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ‘‘विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता नष्ट’’ कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कुलपतियों को निरंतर राज्यपाल द्वारा धमकाया जा रहा है. वह सीनेट में आरएसएस के लोगों को लाने की चेष्टा कर रहे हैं. एलडीएफ उच्च शिक्षा क्षेत्र को कमजोर करने के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगा.’’ गोंिवदन ने दावा किया कि विभिन्न महत्वाकांक्षी परियोजनाएं लागू कर राज्य सरकार विश्वविद्यालयों में क्रांतिकारी बदलाव लायी है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब कुछ शक्तियों को अहसास हो गया कि वे लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता में नहीं आ सकती हैं तब वे विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण कायम करने के लिए कुलाधिपति के माध्यम से ऐसे अवैध प्रयास कर रही हैं. उन्होंने अधिसूचना के माध्यम से केरल विश्विद्यालय के 15 सदस्यों को बाहर करने के राज्यपाल के फैसले को ‘निरंकुश’ करार दिया.

माकपा नेता ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य राज्यपाल के ऐसे निरंकुश पहल के विरुद्ध लोकप्रिय जनविरोध खड़ा करना है. ’’ वाम नेताओं ने कहा कि समान विचारधारा एवं अकादमिक विद्वानों की सहभागिता से दो नवंबर को एक जनविमर्श आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 10 नवंबर से पहले जिला-स्तरीय कार्यक्रम और 12 नवंबर से पहले महाविद्यालयों में विरोध कार्यक्रम किया जाएगा.

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