पीएम मोदी बोले-हम भारत को एक मैनुफैक्चरिंग हब बना रहे हैं

PM Modi Speech In SCO Summit: पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत को एक मैनुफैक्चरिंग हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं. भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स हमें स्वाभाविक रूप से कम्प्टेटिव बनाता है. इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी इकोनॉमिज में सबसे अधिक होगी.

इस वर्ष के चुनौतिपूर्ण ग्लोबल और क्षेत्रीय वातावरण में एससीओ के प्रभावी नेतृत्व के लिए मैं प्रेसिडेंट मिरज़ियोएव को हृदय से बधाई देता हूं.

आज जब पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, एसईओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. एसईओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या भी एसईओ देशों में निवास करती है. भारत एसईओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है.

महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन्स में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है. एसईओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त, रेसिलिएंट और डायवर्सिफायड सप्लाई चेन्स विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए. इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को ट्रांजिट का पूरा अधिकार दें.

हम भारत को एक मैनुफैक्चरिंग हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं. भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स हमें स्वाभाविक रूप से कम्प्टेटिव बनाता है. इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी इकोनॉमिज में सबसे अधिक होगी. हमारे people-centric development model में टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग पर भी बहुत फोकस दिया जा रहा है.

हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं. आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स हैं, जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. हमारा यह अनुभव कई अन्य SCO सदस्यों के भी काम आ सकता है. इसी उदेश्य से हम एक नए Special Working Group on Startups and Innovation की स्थापना करके SCO के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं.

विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है – और यह है हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना. इस समस्या का एक संभावित समाधान है बाजरा (millets) की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना. बाजरा एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ SCO देशों में, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है, और खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है. वर्ष 2023 को UN International Year of Millets के रूप में मनाया जाएगा. हमें SCO के अंतर्गत एक ‘मिलेट फ़ूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए.

भारत आज विश्व में मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म के लिए सबसे किफायती डेस्टिनेशन्स में से एक है. अप्रैल 2022 में गुजरात में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसीन का उद्घाटन किया गया. पारंपरिक चिकित्सा के लिए यह WHO का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर होगा. हमें SCO देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए. इसके लिए भारत एक नए एससीओ वर्किंग ग्रुप ऑन ट्रेडिशनल मेडिसीन पर पहल लेगा.

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