मतांतरण, घुसपैठ से जनसंख्या असंतुलन पैदा हो रहा है : RSS नेता होसबाले

प्रयागराज. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बुधवार को कहा कि धर्मांतरण और बांग्लादेश से घुसपैठ की वजह से देश में “जनसंख्या असंतुलन” पैदा हो रहा है. उन्होंने धर्मांतरण रोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया. जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर यमुनापार गौहनिया में एक विद्यालय परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए होसबाले ने कहा कि धर्मांतरण पर संगठन जागरूकता उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है.

उन्होंने कहा कि ‘‘घर वापसी’’ के अच्छे परिणाम सामने आए हैं. ‘घर वापसी’ इस्लाम और ईसाई धर्म अपना चुके लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाने का संघ परिवार का प्रयास है. होसबाले ने कहा कि धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं, लेकिन इन कानूनों को सख्ती से लागू किए जाने की जरूरत है. उन्होंने यह बात उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में संबंधित कानूनों के संदर्भ में कही जो बलपूर्वकक या प्रलोभन द्वारा कराए जाने वाले धर्मांतरण को प्रतिबंधित करते हैं.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी 16 से 19 अक्टूबर तक प्रयागराज में हुई संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक में शामिल हुए. होसबाले ने कहा, ‘‘मतांतरण से हिंदुओं की संख्या कम हो रही है और जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों में विभानज की नौबत आई है. भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है. इसलिए सभी पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जनसंख्या असंतुलन का दूसरा कारण घुसपैठ है. बांग्लादेश के रास्ते उत्तर बिहार के पूर्णिया, कटिहार जैसे जिलों और अन्य राज्यों में भी जनसंख्या असंतुलन देखने को मिला है.’’ धर्मांतरण के बाद अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलने के मुद्दे पर होसबाले ने कहा, ‘‘संघ ने पहले से कहा है कि जो मतांतरित होते हैं उन्हें आरक्षण की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय करने के लिए सरकार द्वारा पूर्व प्रधान न्यायाधीश के जी बालकृष्णन की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है जो इस मामले में अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी.

होसबाले ने कहा कि बैठक में हिंदू समाज में विभिन्न गतिविधियों में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं समाज के हर क्षेत्र में जा रही हैं और सामाजिक कार्यों में भी निर्णय प्रक्रिया में उनकी सहभागिता बढ़नी चाहिए.’’ चार दिवसीय बैठक में हुई चर्चा का विवरण देते हुए सरकार्यवाह होसबाले ने कहा कि इस बैठक में देशभर से 372 कार्यकर्ता शामिल हुए. उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में शाखाओं की संख्या 54,382 से बढ़कर 61,045 तक पहुंच गई है और जिन स्थानों पर शाखाएं लगती हैं, उनकी संख्या 33,658 से बढ़कर 38,192 तक पहुंच गई है.

होसबाले ने कहा कि पिछले दो साल में 3000 युवक संघ के कार्य में समय देने के लिए शताब्दी विस्तारक के रूप में जुड़े हैं.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है और 2024 के अंत तक देश के सभी मंडलों में संघ की शाखा पहुंचाने की योजना है.

होसबाले ने कहा कि 2010-11 में शुरू किए गए ‘ज्वाइन आरएसएस प्लेटफॉर्म’ के तहत संघ से स्वेच्छा से जुड़ने वाले लोगों की संख्या 1,30,000 तक पहुंच गई है. उन्होंने बताया कि सरसंघचालक ने पूर्वोत्तर राज्यों में मेघालय और त्रिपुरा की यात्रा की तथा वहां के जनजातीय समुदाय के लोगों में भी स्वाभिमान जगने के कारण ‘‘मैं भी हिंदू हूं’’ का बोध हुआ. होसबाले ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोग अब संघ के सरसंघचालक को आमंत्रित करने लगे हैं.

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