राजस्थान राज्य महिला आयोग ने ‘लड़कियों की नीलामी’ मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की

जयपुर. राजस्थान राज्य महिला आयोग ने भीलवाड़ा जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से ‘‘लड़कियों की नीलामी’’ मामले को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. मीडिया में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्टांप पेपर पर लड़कियों की नीलामी की जा रही है और जाति पंचायतों के फरमान पर महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी बृहस्पतिवार को इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था. राज्य महिला आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर मामले में सात दिनों के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि उन्हें मीडिया रिपोर्ट के जरिए पता चला है कि कथित तौर पर लड़कियों को बेचा जा रहा है और इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.

उन्होंने कहा, “आयोग इस मामले में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगा और न्याय दिलाएगा.” एनएचआरसी ने बृहस्पतिवार को राजस्थान सरकार को एक नोटिस भी जारी किया, जिसमें कहा गया था कि राज्य के आधा दर्जन जिलों में लड़कियों की स्टांप पेपर पर नीलामी की जा रही है और इसके इनकार करने पर जाति पंचायत द्वारा वित्तीय विवादों को निपटाने के लिए उनकी माताओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है.

एनएचआरसी ने राजस्थान के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है.
एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए एनएचआरसी ने कहा था कि जब भी दो पक्षों के बीच विशेष रूप से वित्तीय लेनदेन और ऋण को लेकर कोई विवाद होता है, तो पैसे की वसूली के लिए आठ साल से 18 साल की उम्र की लड़कियों की नीलामी की जाती है.

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