यूक्रेन में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अनेक अधिकारियों ने पद छोड़े

कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की सरकार को परेशानी में डालने वाले एक भ्रष्टाचार घोटाले के सामने आने के बाद देश में कई गवर्नर समेत वरिष्ठ अधिकारियों को मंगलवार को अपने पद छोड़ने पड़ गये। यूक्रेन में रूस द्वारा युद्ध शुरू किये जाने के बाद से सरकार के स्तर पर सबसे बड़ी उथल-पुथल का दौर चल रहा है। यह ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वांिशगटन कीव को एम1 अब्राम्स टैंकों की आपूर्ति की मंजूरी देने वाला है जबकि रूस के खिलाफ युद्ध के मैदान में टैंक भेजने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनिच्छा का माहौल है।

जेलेंस्की को भ्रष्टाचार से लिप्त देश में सत्ता विरोधी लहर के बीच 2019 में राष्ट्रपति चुना गया था। अब नये आरोप ऐसे समय में आये हैं जब पश्चिमी देश मॉस्को के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन की मदद के लिए अरबों डॉलर लगा रहे हैं। अमेरिका समेत अनेक देशों के अधिकारियों ने यूक्रेन में अंधाधुंध भ्रष्टाचार को देखते हुए सहायता को लेकर और अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है।

जेलेंस्की और उनके सहयोगी इन इस्तीफों और निष्कासन को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन युद्ध के समय सामने आया घोटाला कीव के नेतृत्व पर मॉस्को के राजनीतिक हमलों को हवा दे सकता है। भ्रष्टाचार के इस मामले का असर जेलेंस्की के दफ्तर तक हुआ है। उनके उप प्रमुख किरिलो तिमोशेन्को को भी पद छोड़ना पड़ा है। राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने का वादा किया है। इनमें कुछ आरोप सैन्य खर्च से भी जुड़े हैं। इससे यूरोपीय संघ और नाटो में शामिल होने के यूक्रेन के प्रयास मंद पड़ सकते हैं।

तिमोशेन्को को पद छोड़ने को कहा गया है। उन्होंने कारण नहीं बताया। स्थानीय मीडिया ने बताया कि उप रक्षा मंत्री वियाचेस्लाव शापोवालोव ने भी यूक्रेन के सशस्त्र बलों के लिए खाद्य सामग्री की खरीद से जुड़े घोटाले में इस्तीफा दे दिया है। उप महा अभियोजक ओलेक्सी सिमोनेन्को ने भी इस्तीफा दे दिया है।

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