कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: थरूर के चुनाव लड़ने के कदम से खुश नहीं हैं केरल में पार्टी के नेता

अलप्पुझा/नयी दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर के किस्मत आजमाने की खबरें केरल में पार्टी के नेताओं को रास नहीं आई हैं और एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को इसे तिरुवनंतपुरम के सांसद का निजी फैसला करार दिया. वहीं, पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि राज्य इकाई केवल उसे ही वोट देगी जो नेहरू परिवार के महत्व को स्वीकार करता हो.

कोडिकुन्निल सुरेश और के. मुरलीधरन ने थरूर के चुनाव लड़ने के संकेत देने के बाद यहां ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से इतर परोक्ष रूप से अप्रसन्नता जाहिर की. दोनों सांसदों ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की राज्य इकाई चाहती है कि राहुल गांधी पार्टी के शीर्ष पद को स्वीकार करें.

सुरेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर वह (राहुल) पद की जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति को पदासीन किया जाना चाहिए जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में और पार्टी के अधिकतर नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्य हो. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और हम सबकी यही इच्छा है.’’ सात बार के लोकसभा सदस्य सुरेश ने कहा कि जहां तक थरूर की उम्मीदवारी की बात है तो यह निर्णय उन्होंने लिया है और यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने इस संबंध में पार्टी स्तर पर कोई विचार-विमर्श किया है या नहीं.

उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में थरूर की उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश ने कहा कि जहां तक पार्टी की बात है, तो ऐसे व्यक्ति को चुनने की परंपरा रही है जो पार्टी में अधिकतर नेताओं और कार्यकर्ताओं की पसंद हो. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि थरूर के चुनाव लड़ने से पार्टी में कोई संकट नहीं आएगा.’’ इस बीच, पार्टी के लोकसभा सदस्य के. मुरलीधरन ने कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि उसी व्यक्ति को अपना वोट देंगे जो नेहरू-गांधी परिवार के महत्व को स्वीकार करता हो.

उन्होंने यह इच्छा भी जताई कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि उनका (राहुल का) अध्यक्ष बनने से इनकार करना सभी के लिए ंिचता का विषय है. मुरलीधरन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ राहुल गांधी के अध्यक्ष पद ग्रहण करने से किसी कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इस पद को स्वीकार करना या नहीं करना, पूरी तरह उन्हीं पर निर्भर करता है.’’ लोकसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बारे में तस्वीर तो अब 30 सितंबर को नामांकन की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही साफ हो पाएगी. इसके अगले दिन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ केरल की सीमा को पार कर कर्नाटक में प्रवेश कर जाएगी.

मुरलीधरन ने कहा, ‘‘वैसे भी, हम केवल उन्हें चुनेंगे जो नेहरू परिवार के महत्व को स्वीकार करते हैं.’’ गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगर चुनाव होता है तो यह 22 साल बाद इस तरह का मुकाबला होगा. सोमवार को वरिष्ठ नेता शशि थरूर के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जताने के बाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनावी रण में उतरने के संकेत मिल रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, थरूर ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा से अवगत कराया, जिस पर सोनिया ने कहा कि उनकी भूमिका तटस्थ रहेगी. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.

‘सोनिया बनाम प्रसाद’ के 22 साल बाद फिर हो सकता है चुनावी मुकाबला

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने और राहुल गांधी के पार्टी की कमान नहीं संभालने के संकेत देने के बाद अब देश की सबसे पुरानी पार्टी की सर्वोच्च कुर्सी के लिए चुनावी मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भले ही सर्वसम्मति पर जोर दे रहे हों, लेकिन शशि थरूर ने सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा से उन्हें अवगत कराया तो दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनावी रण में उतरने के संकेत मिल रहे हैं. कुछ अन्य लोगों के भी चुनाव लड़ने का ऐलान करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगर चुनाव होता है तो यह 22 साल बाद इस तरह का मुकाबला होगा. वर्ष 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें केसरी जीते थे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर के सोनिया गांधी से मिलने के बाद यह संभावना बढ़ गई कि वह चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें अध्यक्ष पद का चुनाव लडनÞे की अपनी इच्छा से अवगत कराया जिस पर सोनिया ने कहा कि इस चुनाव में कई उम्मीदवारों का खड़ा होना पार्टी के लिए बेहतर है तथा इसमें उनकी भूमिका तटस्थ रहेगी. सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने इस धारणा को भी खारिज किया कि इस चुनाव में पार्टी की ओर से कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ होगा.

उधर, थरूर की सोनिया से मुलाकात की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने कहा कि कोई भी चुनाव लडनÞे के लिए स्वतंत्र है और यही पार्टी नेतृत्व का सतत रुख रहा है तथा चुनाव लडनÞे के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.     लोकसभा सदस्य थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात ऐसे समय की है जब हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं. इस बीच, कांग्रेस से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि गहलोत भी उम्मीदवार हो सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो गांधी परिवार के भरोसेमंद होने और लंबे राजनीतिक तजुर्बे के चलते उनकी दावेदारी सबसे मजबूत होगी.

वैसे, गहलोत ने कहा है कि वह राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के लिए मनाने का प्रयास करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी के भीतर राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग भी तेज हो गई है. इसी क्रम में सोमवार को कुछ प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए.

राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ के बाद आज तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और बिहार की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के लिए राहुल से की गयी अपील के बावजूद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि उन्होंने फैसला कर लिया है, लेकिन अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं करेंगे.

उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो वह इसके कारण बता देंगे. राहुल की टिप्पणी को पार्टी में इस बात के संकेत के तौर पर देखा गया है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.

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