गोवा के मजदूर ने अपनी दिव्यांग बेटी के लिए तैयार किया ‘मां रोबोट’

पणजी. अपनी बीमार पत्नी के दिव्यांग बेटी को खाना खिलाने में सक्षम नहीं होने से परेशान गोवा के एक दिहाड़ी मजदूर ने बेटी की मदद के मकसद से एक रोबोट तैयार किया है. गोवा ‘स्टेट इनोवेशन काउंसिल’ ने मजदूर बिपिन कदम के इस नवाचार की सराहना की है, जिसका नाम उसने ‘मां रोबोट’ रखा है.

‘स्टेट इनोवेशन काउंसिल’ बिपिन को इस रोबोट पर आगे काम करने और इसकी व्यावसायिक व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए वित्तीय सहायता मुहैया करवा रहा है. रोबोट के शरीर में बनी एक प्लेट में खाना रख दिया जाता है, इसके बाद दिव्यांग लड़की रोबोट को ‘वॉयस कमांड’ यानी निर्देश देती है कि वह क्या खाना चाहती है. 40-वर्षीय बिपिन कदम पेशे से दिहाड़ी मजदूर है और दक्षिण गोवा के पोंडा तालुका के बेथोरा गांव का निवासी है. उसने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, मेरी 14 साल की बेटी दिव्यांग है और वह खुद भोजन नहीं कर सकती. इसके लिए वह पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर थी.

उसने कहा, ‘‘लगभग दो साल से मेरी पत्नी बीमारी के कारण बिस्तर पर है. वह हमारी बेटी को खाना नहीं खिला सकती, इसीलिए उदास थी. मुझे अपनी बेटी को खिलाने के लिए काम से घर लौटना पड़ता था.’’ उसने कहा, ‘‘मेरी पत्नी के कहने पर मैंने लगभग एक साल पहले एक रोबोट की खोज शुरू की, जो बेटी को भोजन में मदद कर सके.’’ उसने कहा, ‘‘हालांकि, ऐसा कोई रोबोट कहीं भी उपलब्ध नहीं था. इसलिए, मैंने इसे खुद तैयार करने का फैसला किया.’’

उसने कहा, ‘‘मैं बिना आराम किये लगातार 12 घंटे काम करता था और बाकी समय शोध करने और रोबोट बनाने का तरीका सीखने में लगाता था. मैंने चार महीने तक लगातार शोध किया और फिर इस रोबोट का निर्माण किया. जब मैं काम से वापस आता हूं और अपनी बेटी को मुस्कुराते हुए देखता हूं तो मेरा दिल गदगद हो उठता है.’’ उसने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक आत्मानिर्भर भारत को बढ़ावा दे रहे हैं. उसी तरह, मैं अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना चाहता था और किसी पर निर्भर नहीं होना चाहता था.’’ कदम ने कहा, ‘‘मैं दुनिया भर के बच्चों के लिए भी इसी तरह के रोबोट बनाना चाहता हूं.’’

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