अगर ‘आप’ सत्ता में आई, तो गुजरात में प्रत्येक बच्चा तरक्की करेगा : केजरीवाल

अहमदाबाद/नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि अगर गुजरात के लोग आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता में लाते हैं, तो राज्य का प्रत्येक बच्चा तरक्की होगा. केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अहमदाबाद में युवाओं की एक सभा को संबोधित किया, जहां केजरीवाल ने गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा.

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं देख रहा था कि गुजरात के एक ‘व्हाट्सएप ग्रुप’ में एक अद्भुत संदेश साझा किया जा रहा है, जिसका मैं भी अनुसरण करता हूं. इसमें कहा गया है कि अगर आप कांग्रेस को वोट देंगे तो सोनिया गांधी का बेटा तरक्की करेगा. अगर आप भाजपा को वोट देंगे तो (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह का बेटा तरक्की करेगा और आम आदमी पार्टी को वोट देंगे तो गुजरात का प्रत्येक बच्चा तरक्की करेगा.’’ उन्होंने कहा कि जिस तरह ‘आप’ सरकार ने दिल्ली में 12 लाख और पंजाब में छह महीने से भी कम समय में 20,000 नौकरियां दी हैं, पार्टी गुजरात में सत्ता में आने पर 10 लाख नौकरियां देने के लिए प्रतिबद्ध है.

केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ स्कूलों में शिक्षकों के पदों को भरकर, नए कॉलेज और मोहल्ला क्लीनिक खोलकर तथा अस्पतालों में अधिक डॉक्टर एवं स्वास्थ्य र्किमयों की भर्ती करके 10 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर आम आदमी पार्टी नौकरी नहीं मिलने तक युवाओं को 3,000 रुपये प्रतिमाह का बेरोजगारी भत्ता देगी. केजरीवाल ने दावा किया कि लोग भाजपा को वोट देते रहे हैं क्योंकि ‘‘कांग्रेस और भी बदतर है‘‘, लेकिन इस बार उनके पास ‘आप’ के रूप में एक विकल्प है जो नये चेहरों और नयी राजनीति वाली ईमानदार पार्टी है.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों के नेताओं ने जनता का इतना पैसा लूटा है कि अगर उनकी संपत्तियां बेची जाएं, तो मेरा मानना है कि गुजरात का पूरा कर्ज चुकाया जा सकता है.’’ केजरीवाल ने कहा कि अगर ‘आप’ गुजरात में सत्ता में आती है, तो वह भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर धन जुटाएगी.

केजरीवाल ने कैसे आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव को ‘आप’ बनाम भाजपा विमर्श में बदला

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस सप्ताह की शुरुआत में गुजरात के वडोदरा हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उस समय विचित्र स्थिति देखने को मिली, जब एक तरफ कुछ युवाओं का समूह ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाता दिखा जबकि आम आदमी पार्टी समर्थकों ने ‘केजरीवाल-केजरीवाल’ के नारे लगाये. भाजपा शासित गुजरात में इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक सरर्गिमयां तेज होती जा रही हैं.

बाद में केजरीवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा था, ‘‘ भाजपा के बारे में तो स्पष्ट है कि वे लोगों को लाकर मेरे खिलाफ नारे लगवाएं क्योंकि इस बार उन्हें बहुत नुकसान होने वाला है. दिलचस्प बात यह है कि जब राहुल गांधी आए तो उन्होंने उनके (राहुल) खिलाफ नारे नहीं लगाए.’’ चुनाव नजदीक आने के बीच राजनीतिक पर्यवेक्षकों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले सर्वेक्षणकर्ताओं का कहना है कि केजरीवाल गुजरात चुनाव को भाजपा बनाम ‘आप’ के विमर्श में बदलने में कामयाब रहे हैं, क्योंकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ‘‘अधिक सक्रिय’’ नजर नहीं आ रही है.

हालांकि, उन्होंने इस बात पर संदेह जताया कि केजरीवाल और ‘आप’ इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान इस विमर्श से चुनावी लाभ हासिल करने में कामयाब होंगे. एक सर्वेक्षण एजेंसी के लिए आंकड़े एकत्र करने वाले सर्वेक्षणकर्ता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ आम आदमी पार्टी के आक्रामक चुनाव अभियान और कांग्रेस का अब तक अधिक सक्रिय नजर नहीं आना, केजरीवाल के लिए गुजरात चुनाव को भाजपा बनाम ‘आप’ के विमर्श में बदलने में मददगार साबित हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि ‘आप’ भी वही रणनीति अपना रही है जो भाजपा चुनाव के दौरान अपनाती है, जिसके तहत प्रतिद्वंद्वियों से तकरार, पलटवार और आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान, प्रवक्ताओं और सोशल मीडिया के जरिये मतदाताओं तक वांछित संदेश भेजना शामिल है.

पिछले महीने, ‘आप’ ने अपने चुनाव अभियान को गति देने के लिए 1,100 से अधिक ‘‘सोशल मीडिया योद्धाओं’’ को नियुक्त किया.
चुनाव सर्वेक्षण एजेंसी ‘सी-वोटर’ के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि एक तरफ जहां, केजरीवाल ‘‘कड़ी मेहनत’’ कर रहे हैं और उनकी पार्टी गुजरात में ‘‘आक्रामक रूप से’’ प्रचार कर रही है, वहीं, कांग्रेस की प्राथमिकता स्पष्ट नहीं है क्योंकि पार्टी अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में व्यस्त है.

देशमुख ने कहा, ‘‘वे इतनी बड़ी गतिविधि (यात्रा) में व्यस्त हैं और सबसे महत्वपूर्ण राज्य गुजरात से चूक रहे हैं, जहां वे 27 साल से सत्ता से बाहर हैं और अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं.’’ जुलाई के बाद से ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने लगभग हर हफ्ते गुजरात का दौरा किया है और वे अपनी पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व करने के साथ ही तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पांच महीने में सिर्फ दो बार गुजरात का दौरा किया है.

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