इंदिरा की हत्या संबंधी झांकी मामले पर PM चुप क्यों हैं, ट्रूडो को फोन कर विरोध दर्ज कराएं: कांग्रेस

जिन्होंने जयशंकर को मंत्री बनाया, वही सबसे पहले देश की राजनीति को विदेश ले गए: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी निकाले जाने की घटना की निंदा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कनाडा के अपने समकक्ष जस्टिन ट्रूडो को फोन कर विरोध दर्ज कराना चाहिए. पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार से यह भी आग्रह किया कि विदेश मंत्रालय कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर विरोध दर्ज कराए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने झांकी निकाले जाने की घटना को घिनौना कृत्य करार दिया.

मीडिया में आई कुछ खबरों के मुताबिक, कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानी समर्थकों ने हाल ही में इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी निकाली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस घटना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अलगाववादियों और हिंसा के समर्थकों को जगह देना दोनों देशों के रिश्ते और खुद कनाडा के लिए भी अच्छा नहीं है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”मुझे लगता है कि एक व्यापक मुद्दा यह है कि अलगाववादियों, चरमपंथियों और उन लोगों को स्थान दिया गया जो हिंसा की पैरोकारी करते हैं. यह आपसी संबंधों और कनाडा के लिए अच्छा नहीं है.” कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इंदिरा गांधी की हत्या का खालिस्तानी चरमपंथियों ने महिमामंडन किया, लेकिन सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर एक सामान्य सा बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित और सुरक्षा, किसी भी राजनीतिक चिंता से ऊपर होनी चाहिए.

उधर, कांग्रेस नेता मिलिंद देवरा ने कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी निकाले जाने की घटना की विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा निंदा किए जाने का स्वागत किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”जब हम राजनीति से ऊपर उठते हैं और एकजुट होते हैं तो भारत की जीत होती है.” भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने इस घटना पर दुख जताया.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”कनाडा में नफरत के लिए और हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई स्थान नहीं है. मैं इस तरह की गतिविधियों की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं.” इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी निकाले जाने की घटना के बारे में पूछे जाने पर रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ”इंदिरा गांधी और सरदार बेअंत सिंह ने अपनी जान दे दी ताकि देश और पंजाब में शांति रहे. कनाडा में जो हुआ है उसकी हम कड़ी भर्त्सना करते हैं.”

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री को फोन कर आपत्ति दर्ज कराएं और विदेश मंत्रालय कनाडा के उच्चायुक्त को बुलाकर विरोध दर्ज कराए.” उनका कहना था कि सरकार को उन सभी देशों के समक्ष विरोध दर्ज कराना चाहिए जहां ऐसी देश विरोधी गतिविधियां हो रही हैं.

सुरजेवाला ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? इस झांकी से जुड़ा वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस नेता मिलिंद देवरा ने ट्वीट किया, ” एक भारतीय के रूप में यह देख कर मुझे पीड़ा हुई कि कनाडा के ब्रैम्पटन में पांच किलोमीटर लंबी परेड निकाली गई जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाया गया. यह किसी का पक्ष लेने की बात नहीं है, बल्कि राष्ट्र के इतिहास और पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या से हुई पीड़ा और संवेदना की बात है.”

उन्होंने कहा, ”चरमपंथ की सार्वभौमिक रूप से निंदा की जानी चाहिए और इसका मिलकर मुकाबला किया जाना चाहिए.” देवरा के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए रमेश ने कहा, ” मैं पूरी तरह सहमत हूं. यह घिनौना है. डॉक्टर जयशंकर (विदेश मंत्री) से आग्रह करता हूं कि कनाडा के समक्ष इस मुद्दे को मजबूती से उठाया जाना चाहिए .” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने देवरा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ” मिलिंद देवरा, आप पूरी तरह सही हैं. इस घिनौने कृत्य की दलगत भावना से ऊपर उठकर निंदा करने में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.” गौरतलब है कि 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

जिन्होंने जयशंकर को मंत्री बनाया, वही सबसे पहले देश की राजनीति को विदेश ले गए: कांग्रेस

कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा राहुल गांधी की आलोचना किए जाने के बाद उन पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जिन्होंने जयशंकर को मंत्री पद दिया है, वही देश की राजनीति को सबसे पहले विदेशी धरती पर ले गए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि जयशंकर इस बात को जानते हैं, लेकिन इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते. उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री जयशंकर ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस नेता को विदेश में भारत की आलोचना करने की आदत है लेकिन अपने आंतरिक मामलों को दुनिया के सामने उठाना देश के हित में नहीं है.

नरेन्द्र मोदी सरकार को लेकर कांग्रेस नेता द्वारा अमेरिका में दिये गए बयान के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस बात को लेकर कोई समस्या नहीं है कि भारत के भीतर क्या कहा जाता है लेकिन आंतरिक मुद्दों को विदेशों में उठाना उचित नहीं है. जयशंकर के बयान का हवाला देते हुए रमेश ने ट्वीट किया, ”जिन्होंने राष्ट्रीय राजनीति को देश से बाहर ले जाने की परंपरा शुरू की, वह कोई और नहीं, बल्कि वह हैं जिन्होंने आपको मंत्री पद सौंपा. डॉक्टर जयशंकर, आप जानते हैं, लेकिन इसे स्वीकार नहीं कर सकते.”

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